श्रीनगर। श्रीनगर (Srinagar) के जिस लाल चौक पर दस लोगों को जमा होने की इजाजत नहीं मिलती थी, सोमवार को वहां हजारों लोग जमा थे। शिया समुदाय (Shia community) के हजारों लोगों ने 8वें मुहर्रम (Muharram) का जुलूस निकाला। जुलूस में कई जगहों पर फ़िलिस्तीन (Palestine) के झंडे दिखे और इजरायल-अमेरिका विरोधी नारे भी लगे।
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अधिकारियों (authorities) ने आयोजकों से शांतिपूर्ण एवं अनुशासित मुहर्रम (Muharram) जुलूस का आश्वासन लेकर कार्यक्रम की अनुमति दे दी थी। मुहर्रम (Muharram) का जुलूस गुरु बाजार से शुरू होकर श्रीनगर शहर के डलगेट क्षेत्र में समाप्त हुआ। जुलूस इराक के कर्बला (Karbala) के रेगिस्तान में यजीद की सेना के हाथों पैगंबर के नवासे इमाम हुसैन, उनके परिवार और समर्थकों की शहादत की याद में निकाला जाता है।
कश्मीर (Kashmir) जोन के आईजीपी वीके बिरदी और नागरिक प्रशासन के अधिकारियों ने मुहर्रम (Muharram) जुलूस की निगरानी की। आईजीपी ने गम मनाने शिया समुदाय के लोगों पानी और ठंडा पेय भी पिलाया। इस्लाम (Islam) के समर्थन में नारे लगाते हुए और इमाम हुसैन की शहादत को याद कर गम मनाने वालों ने पूरे जुलूस के दौरान जिम्मेदारी निभाई और असामाजिक तत्वों को सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने का कोई मौका नहीं दिया।
यह जुलूस कर्बला (Karbala) में शहीद हुए पैगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की याद में मनाया जाता है। अधिकारियों (authorities) ने जुलूस के लिए सीमित समय दिया था, इसलिए सुबह 5.30 बजे हजारों लोग गुरु बाजार में एकत्र हुए ताकि सामान्य जीवन प्रभावित न हो। अधिकारियों ने बताया कि यातायात विभाग ने मुहर्रम (Muharram) जुलूस के दौरान अपनाए जाने वाले मार्गों के बारे में शहर के निवासियों को जानकारी दे दी गई थी।
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