स्पोर्ट्स डेस्क। दिल्ली के पूर्व कप्तान Mithun Manhas भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं। 45 साल के मन्हास ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कभी भारत का प्रतिनिधित्व नहीं किया और वो अध्यक्ष बनकर इतिहास रच देंगे। मिथुन मन्हास पहले अनकैप्ड क्रिकेटर होंगे, जो देश की सबसे मजबूत ईकाई का नेतृत्व करेंगे।
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बीसीसीआई की वार्षिक आम सभा 28 सितंबर को होगी, जिसमें चुनाव भी होंगे। मिथुन मन्हास अपने साथ क्रिकेट और प्रशासनिक दोनों अनुभव लाते हैं। वह जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) के साथ प्रशासनिक भूमिका में रहे और बीसीसीआई की एजीएम में राज्य का प्रतिनिधित्व भी किया। वहीं मैदान में वो भारतीय घरेलू क्रिकेट के सबसे सम्मानित क्रिकेटरों में से एक रहे। मन्हास से पहले सौरव गांगुली और रोजर बिन्नी इस भूमिका को निभा चुके हैं।

1997/98 में डेब्यू करने वाले मिथुन मन्हास मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज रहे। राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज बल्लेबाजों की मौजूदगी में मन्हास भारतीय टीम का प्रतिनधित्व नहीं कर सके। हालांकि, घरेलू क्रिकेट में उनका कमाल का प्रदर्शन रहा।
मन्हास ने 2007/08 में दिल्ली को रणजी ट्रॉफी चैंपियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने उस सीजन में 57.56 की औसत से 921 रन बनाए थे। मन्हास दाएं हाथ के बल्लेबाज और ऑफ स्पिन करते थे। कई मौकों पर वो विकेटकीपर की भूमिका निभा चुके हैं। मिथुन मन्हास ने 157 फर्स्ट क्लास मैच खेले, जिसमें 45.82 की औसत से 9714 रन बनाए। इसमें 27 शतक और 49 अर्धशतक शामिल हैं। वो आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स, पुणे वॉरियर्स और चेन्नई सुपरकिंग्स का हिस्सा रहे हैं। अपने क्रिकेट करियर और प्रशासनिक अनुभव के मिश्रण के साथ मन्हास अब बीसीसीआई अध्यक्ष की भूमिका निभाने को तैयार हैं।
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