39.3 C
Lucknow
Friday, April 18, 2025

खेल रत्न पुरस्कार नामांकन से मनु भाकर का नाम गायब, मंत्रालय ने कही ये बात

नई दिल्ली। भारत की स्टार शूटर मनु भाकर (Manu Bhaker) ने पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics) में दो पदक जीतकर भारतीय खेल के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया। सबसे पहले, उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता, जिससे वह किसी भी ओलंपिक (Olympic) में पदक जीतने वाली भारत की महिला निशानेबाज बन गईं। एक ही ओलंपिक संस्करण में दो पदक जीतकर वह भारत की स्वतंत्रता के बाद ऐसा करने वाली पहली भारतीय बन गईं।

यह भी पढ़ें-पेरिस पैरालंपिक में अवनि लेखरा ने साधा गोल्ड पर निशाना, मोना अग्रवाल ने जीता ब्रॉन्ज

इतनी उपलब्धियों के बावजूद खेल रत्न पुरस्कार के लिए उनका नाम नामांकन से गायब है। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय राष्ट्रीय खेल दिवस समिति ने प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए भाकर के नाम की सिफारिश नहीं की। दो ओलंपिक (Olympic) पदक जीतने वाली मनु भाकर (Manu Bhaker) की इस साल ध्यानचंद खेलरत्न पुरस्कार के लिए उपेक्षा किये जाने की खबरों के बीच खेल मंत्रालय (Sports Ministry) के एक शीर्ष सूत्र ने कहा है कि अभी नाम तय नहीं हुए हैं और एक सप्ताह में पुरस्कारों का खुलासा होने पर उसका नाम सूची में होगा।

मनु (Manu Bhaker) के परिवार ने कहा कि उन्होंने पुरस्कार के लिए आवेदन भरा था। मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, ‘अभी अंतिम सूची तय नहीं हुई है। खेलमंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) एक या दो दिन में अनुशंसा पर फैसला लेंगे और अंतिम सूची में मनु का नाम होने की पूरी संभावना है।’ उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत जज वी रामासुब्रमम की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय पुरस्कार समिति में भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल समेत पूर्व खिलाड़ी भी हैं।

मंत्रालय (ministry) के नियमों के तहत खिलाड़ियों को अपना नामांकन खुद भरने की भी अनुमति है। चयन समिति उन नामों पर भी विचार कर सकती है जिन्होंने आवेदन नहीं किया है। मंत्रालय ने दावा किया कि मनु (Manu Bhaker) ने आवेदन नहीं किया है लेकिन उनके पिता रामकिशन भाकर ने कहा कि उसने आवेदन किया है। उन्होंने कहा, ‘भारत में ओलंपिक खेलों की कोई अहमियत नहीं है क्योंकि दो ओलंपिक (Olympic) पदक जीतने के बावजूद मनु की खेलरत्न पुरस्कार के लिये उपेक्षा की गई । देश के लिये खेलने और पदक जीतने का क्या फायदा जब सम्मान के लिये हाथ फैलाने पड़ें ।’

Tag: #nextindiatimes #ManuBhaker #Olympic

RELATED ARTICLE

close button