एंटरटेनमेंट डेस्क। अपनी फिल्मों में देशभक्ति की अलख जगाने वाले दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार (Manoj Kumar) की सिनेमा में अपनी अलग ही पहचान है। मनोज कुमार की आज 88वीं जयंती है। इस मौके पर जानते हैं कैसे पाकिस्तान में जन्में हरिकृष्ण गोस्वामी बन गए बॉलीवुड के ‘भारत कुमार’ और उनसे जुड़े कुछ किस्से।
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बॉलीवुड के भारत कुमार का जन्म पाकिस्तान के एबटाबाद में 1937 में हुआ था। मनोज कुमार (Manoj Kumar) के दिल और दिमाग में देश के विभाजन से जुड़ी काफी गहरी यादें जुड़ी हैं। उसकी वजह है उनका 2 महीने का छोटा भाई कुक्कू जिसकी विभाजन में हुए दंगे के दौरान मौत हो जाती है।
मनोज कुमार (Manoj Kumar) हरिकृष्ण गिरि गोस्वामी से मनोज कुमार कैसे बने इसके भी पीछे एक मजेदार किस्सा है। दरअसल, स्कूल में पढ़ाई के दौरान मनोज कुमार एक बार दिलीप कुमार की फिल्म ‘शबनम’ देखने गए। इस फिल्म में दिलीप साहब के किरदार से वो इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना नाम ही उस किरदार के नाम पर मनोज कुमार रख लिया।

बॉलीवुड के ‘शहंशाह’ अमिताभ बच्चन भी महानायक नहीं बन पाते अगर मनोज कुमार न होते। वो मनोज कुमार (Manoj Kumar) ही हैं जिन्होंने मुश्किल वक्त में अमिताभ बच्चन का साथ दिया और उन्हें मुंबई से वापस जाने से रोका। दरअसल, जब लगातार फ्लॉप फिल्मों से निराश होकर अमिताभ बच्चन ने मुंबई छोड़ने का मन बना लिया था तो मनोज कुमार ने ही उनको जाने से रोका था। इसके बाद साल 1974 में मनोज कुमार ने अमिताभ को अपनी फिल्म ‘रोटी, कपड़ा और मकान’ में मौका भी दिया और ये फिल्म हिट साबित हुई। इसके बाद अमिताभ बच्चन की गाड़ी चल निकली।
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