मुंबई। भारतीय सिनेमा (Indian cinema) की पहली महिला स्टार (actress) की बात करें तो इंटरनेट पर सबसे पहले देविका रानी (Devika Rani) का नाम आता है। उन्होंने साल 1933 में फिल्म ‘कर्मा’ से डेब्यू किया था और अपनी पहली ही फिल्म में किसिंग सीन (kissing scene) को लेकर चर्चा में रहीं। इंटरनेट पर थोड़ा और सर्च करने पर पहली महिला कलाकार के तौर पर ‘फातिमा बेगम’ का नाम भी सामने आता है।
यह भी पढ़ें-…जब राज कपूर से शादी के लिए गृह मंत्री के पास पहुंच गई थी यह एक्ट्रेस
दिवंगत अदाकारा Devika Rani ने साल 1922 में आर्देशिर ईरानी की मूक फिल्म ‘वीर अभिमन्यु’ के जरिए हिंदी सिनेमा में कदम रखा था। बाद में वह निर्माता-निर्देशक बन गईं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इंटरनेट पर मौजूद ये जानकारी झूठी है, क्योंकि भारतीय सिनेमा (Indian cinema) को पहली महिला कलाकार साल 1913 में आई फिल्म ‘मोहिनी भस्मासुर’ से मिली थी।
देविका (Devika Rani) को उन चंद शख्सियतों में से एक माना जाता है जिन्होंने इंडियन सिनेमा (Indian cinema) को ग्लोबल स्टैंडर्ड पर ले जाने का काम किया। वे जर्मन सिनेमा से बहुत इंस्पायर्ड थीं। जर्मन एक्ट्रेस मार्लिन डीट्रिच को वो काफी फॉलो करती थीं। उनकी एक्टिंग स्टाइल की तुलना ग्रेटा गार्बो से भी की गई। जिस कारण उन्हें ‘इंडियन गार्बो’ जैसे कॉम्प्लिमेंट भी दिए गए। दूसरी तरफ उन्हें अपने गर्म स्वभाव के लिए ‘ड्रैगन लेडी’ भी कहा गया।

देविका (Devika Rani) ने अपने 10 वर्ष के अभिनय कॅरिअर में सिर्फ 15 फिल्मों में काम किया, लेकिन वो हिंदी सिनेमा (Indian cinema) में अमर हो गईं। 1936 में आई फिल्म ‘अछूत कन्या’ में देविका (Devika Rani) ने एक दलित लड़की का किरदार निभाया और खुद इसमें गाना भी गाया। इस फिल्म के बाद उन्हें ‘फर्स्ट लेडी ऑफ इंडियन स्क्रीन’ और ‘ड्रीमगर्ल’ की उपाधि भी मिली। सरोजिनी नायडू उन दिनों देविका की फ्रेंड थीं। उनके ही कहने पर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ‘अछूत कन्या’ देखी। फिल्म देखकर वे काफी प्रभावित हुए और देविका के नाम फैन लेटर भी लिखा। बाद में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित भी किया गया।
Tag: #nextindiatimes #Indiancinema #DevikaRani