32 C
Lucknow
Friday, October 24, 2025

जानें कौन हैं छठी मैया और किसने की थी छठ पूजा की शुरुआत?

डेस्क। छठ महापर्व का आरंभ 25 अक्टूबर से होने जा रहा है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन छठ पर्व के नाम से जाना जाता है। Chhath Puja में छठी मैया के साथ साथ सूर्यदेव की आराधना की जाती है। छठ के दौरान सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है। आइए जानते हैं कौन है छठी मैय्या?

यह भी पढ़ें-पटाखों की तेज आवाज से हो सकती है कानों की यह बीमारी, ऐसे करें बचाव

मार्कण्डेय पुराण में बताया गया है कि सृष्टि की रचना करने वाली देवी प्रकृति ने अपने आप को छठ भागों में बांटा था। मां के छठे स्वरूप को सर्वश्रेष्ठ मातृदेवी के रूप में जानते हैं। जोकि ब्रह्मा जी की मानस पुत्री हैं। इनके छठे अंश को छठी मैय्या के नाम से जाना गया है।

ऐसी मान्यता है कि छठी मैय्या को सूर्यदेव की बहन माना जाता है। इस वजह से छठ के इस पर्व पर छठी मैया और सूर्यदेव दोनों की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जब किसी नवजात बच्चे का जन्म होता है तो उसके बाद 6 महीने तक छठी मैय्या उनके पास रहती हैं और बच्चों की रक्षा करती हैं।

रामायण के मुताबिक छठ पूजा की जड़ें त्रेता युग से फैली हुई हैं। ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम और माता सीता अपने 14 साल के वनवास से लौटने के बाद रावण वध के पाप का प्रायश्चित करने के लिए आए थे। इसके बाद मुग्दल ऋषि ने उन्हें शुद्धि के लिए सूर्य देव की पूजा करने को कहा। इस मार्गदर्शन का पालन करते हुए माता सीता ने बिहार के मुंगेर में गंगा तट पर 6 दिनों तक सूर्य पूजा की। आज भी मुंगेर में स्थित सीता चरण मंदिर में देवी सीता के पदचिन्हों को संरक्षित किया गया है।

Tag: #nextindiatimes #ChhathPuja #Chhath2025 #HinduFestival

RELATED ARTICLE

close button