बिहार। चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। बिहार में दो चरणों में चुनाव होंगे, जिसमें पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा। वहीं चुनाव के परिणामों की घोषणा 14 नवंबर को की जाएगी। बिहार चुनाव घोषणा से पहले एसआईआर के बाद फाइनल voters लिस्ट भी जारी कर दी गई थी। इस लिस्ट में करीब 7.42 करोड़ मतदाताओं के नाम शामिल किए गए थे।
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हालांकि कई लोगों के नाम इस बार फाइनल वोटर लिस्ट से हटाए भी गए हैं। इस बीच फॉर्म-6 एक बार फिर चर्चा में है। फॉर्म-6 चुनाव आयोग का एक आधिकारिक डॉक्यूमेंट होता है। जिसका इस्तेमाल नए वोटरों के नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिए किया जाता है। अगर किसी की उम्र 18 साल या उससे ज्यादा है और उस व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में नहीं शामिल हुआ है, तो फॉर्म-6 भरकर वह व्यक्ति वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकता है।

इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरी जगह शिफ्ट हो गया है, यानी किसी नए निर्वाचन क्षेत्र में रह रहा है तो भी इसके लिए फॉर्म-6 सिक्स के जरिए वह नया रजिस्ट्रेशन कर सकता है। फार्म-6 का मुख्य उद्देश्य हर नागरिक को वोट देने का अधिकार सुनिश्चित करना होता है। इस फार्म के जरिए चुनाव आयोग सुनिश्चित करता है कि कोई भी पात्र नागरिक वोटिंग प्रक्रिया से वंचित न रहे। वहीं यह फॉर्म उन लोगों के लिए बहुत जरूरी होता है जिनका नाम पहली बार वोटर लिस्ट में जोड़ा जाता है या फिर ऐसे लोग जिनकी उम्र 18 साल से ज्यादा हो गई है लेकिन वाेटर लिस्ट में नाम नहीं जुड़ा हुआ है। उनके लिए भी यह फॉर्म बहुत जरूरी होता है।
यह फॉर्म उन लोगों के लिए भी बहुत जरूरी होता है जो किसी नई जगह पर रह रहे होते हैं। इस फॉर्म के जरिए नये क्षेत्र में शिफ्ट होने वाले लोग अपना निर्वाचन क्षेत्र बदल सकते हैं। जिसके बाद वह आसानी से अपने नए निर्वाचान क्षेत्र में वोट डाल सकते हैं। वहीं सरकार इसी फॉर्म के माध्यम से पुराने रिकॉर्ड को भी अपडेट करती है।
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