डेस्क। हाल ही में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के बाद उन्हें CRPF की Z कैटेगरी सिक्योरिटी दी गई, फिर वापस ले ली गई और बाद में Z+ सुरक्षा दी गई। ऐसे में CRPF सिक्योरिटी के लेकर Z+ security अब चर्चा का विषय बन गए हैं।
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Z+ security भारत में VIP के लिए सबसे मजबूत सुरक्षा मानी जाती है। इस स्तर की सुरक्षा जिस व्यक्ति को मिलती है, उसे देश के सबसे हाई रिस्क जोन में माना जाता है। इस सुरक्षा में 55 से 58 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं, इनमें से 10-12 NSG कमांडो होते हैं, साथ ही 24×7 सुरक्षा मिलती है। इसमें बुलेटप्रूफ गाड़ी, पायलट व्हीकल और स्काउट कारें मिलती है। हर कमांडो अत्याधुनिक हथियार और संचार सिस्टम से लैस होते हैं।

Z सुरक्षा भी एक हाई लेवल की सुरक्षा है लेकिन Z+ security से थोड़ी कम। यह उन लोगों को दी जाती है, जिन्हें मीडियम से हाई लेवल का खतरा होता है, लेकिन जानलेवा खतरा नहीं होता है। Z सुरक्षा में करीब 22 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिसमें 4 से 6 NSG या CRPF कमांडो शामिल हैं। इसमें लगे जवान ज्यादातर CRPF, दिल्ली पुलिस या ITBP से होते हैं।
इस श्रेणी की सुरक्षा आम तौर पर उन लोगों को दी जाती है, जिन्हें किसी विशेष आंदोलन, केस या सामाजिक मुद्दे के कारण खतरा होता है। Z सुरक्षा में 22 जवान होते हैं, जबकि Z+ में 55 से 58 तक सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। वहीं Z में 4-6 कमांडो होते हैं, Z+ में 10-12 NSG के ब्लैक कैट कमांडो शामिल होते हैं। इसके अलावा Z सुरक्षा CRPF, ITBP या दिल्ली पुलिस देती है, जबकि Z+ में CRPF के साथ भी शामिल होती है।
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