डेस्क। आप व्हिस्की पीने के शौकीन हैं या नहीं लेकिन आप ने पटियाला पेग (Patiala Peg) के बारे में जरूर सुना होगा। पार्टियों में अक्सर दोस्तों को व्हिस्की का पटियाला पेग पिलाकर टल्ली कर दिया जाता है। दरअसल पटियाला पेग में व्हिस्की की मात्रा सामान्य से काफी ज्यादा होती है। इसे पीते ही लोग झूमने लगते हैं।
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दरअसल, पटियाला पेग का नाम (Patiala Peg) पटियाला राजघराने से आया है। बात महाराजा भूपिंदर सिंह (Maharaja Bhupinder Singh) के जमाने की है। वह वर्ष 1900 से लेकर 1938 तक पटियाला रियासत के महाराज रहे थे। वह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पिता थे।
बात 1920 की है। अंग्रेजों की एक टीम महाराजा भूपिंदर सिंह की टीम के साथ क्रिकेट मैच खेलने पटियाला पहुंचती है। अंग्रेजों को हर हाल में हराने के लिए महाराजा भूपिंदर सिंह योजना बनाकर मैच की पूर्व संध्या पर उन्हें पार्टी में बुलाते हैं। फिर जानबूझकर अंग्रेज टीम के खिलाड़ियों को व्हिस्की के बड़े-बड़े पेग बनाकर पिलाए गए। हेवी हैंगओवर के साथ मैच खेलने पहुंचे अंग्रेज महाराजा की टीम के आगे ज्यादा देर नहीं टिक पाए। महाराजा की टीम को बड़ी जीत मिली।

अगले दिन जब वायसराय के राजनीतिक दूत महाराजा भूपिंदर सिंह से शिकायत करने पहुंचे तो उन्होंने ये जवाब देकर उनका मुंह बंद कर दिया कि हमारे पटियाला में पेग बड़े होते हैं। इसी के बाद से ज्यादा व्हिस्की की मात्रा वाले पेग को पटियाला पेग कहा जाने लगा। Patiala Peg में करीब 120 एमएल व्हिस्की आती है। आम तौर पर ग्लास पकड़ने पर आपकी सबसे छोटी अंगुली से लेकर अंगूठे के पास वाली अंगुली तक तक व्हिस्की होती है। चार अंगुली वाले इसी पेग को ही पटियाला कहते हैं।
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