डेस्क। ऑनलाइन गेमिंग (online gaming) के दीवानों के लिए सरकार नया ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 लेकर आई है। ऑनलाइन गेमिंग को सरकार ने सीधे तौर पर दो कैटेगिरी में बांट दिया है। पहली कैटेगिरी ई-स्पोर्ट्स की है और दूसरी रियल मनी गेम्स। तो ई-स्पोर्ट्स ऐसे गेम्स हैं, जिसमें गेम खेलने के लिए पैसों का आदान-प्रदान नहीं किया जाता।
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यहां बता दें कि ई-स्पोर्ट्स ऐसे ऑनलाइन गेम (online gaming) हैं, जिन्हें जिन्हें प्रोफेशनल टूर्नामेंट और प्रतियोगिता की तरह भी खेला जाता है। इनमें GTA, Call Of Duty, BGMI, Freefire जैसे गेम्स आते हैं। अब बात करते हैं गेम्स की दूसरी कैटेगिरी, जिस पर सरकार शिकंजा कसने जा रही है। इन्हें रियल मनी गेम्स कहा जाता है। इस कैटेगिरी में ऐसे गेम आते हैं, जिन्हें खेलने के लिए या खेलते समय सीधे तौर पर पैसों का इस्तेमाल किया जाता है।

ऐसे गेम्स (online gaming) खेलने के लिए पहले लोग कार्ड, UPI या वॉलेट के जरिए पैसा लगाते हैं और अगर वह गेम खेलने पर जीत जाते हैं तो उन्हें अकाउंट में कैश ट्रांसफर किया जाता है। यहां एक बात ध्यान रखने वाली है कि रियल मनी गेम्स में वर्चुअल रिवॉर्ड जैसे कॉइन नहीं दिया जाता। इसमें सीधे तौर पर रियल मनी यानी कैश का ट्रांजेक्शन होता है।
उल्लंघन करने वालों को अधिकतम तीन साल की जेल, एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। बार-बार उल्लंघन पर सजा को पांच साल की जेल और दो करोड़ रुपये तक के जुर्माने तक बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, खिलाड़ियों को अपराधी नहीं माना जाएगा, बल्कि उन्हें पीड़ित के रू बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी ऐसे गेम्स से संबंधित लेन-देन की सुविधा देने से रोका जाएगा।
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