श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले (Pahalgam terrorist attack) में 27 लोगों की मौत हो गई। घटना बैसारन घाटी (Baisaran Valley) इलाके में मंगलवार दोपहर 2.45 बजे हुई। जैसे ही पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकवादी (terrorists) हमले की खबर फैली, पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली। इस हमले में जिस हथियार का इस्तेमाल किया गया था; आईये जानते हैं उसके बारे में।
यह भी पढ़ें-पाकिस्तान में VVIP की तरह घूमता है पहलगाम हमले का गुनाहगार, जानें कौन है?
पहलगाम में हुए खतरनाक आतंकी हमले (Pahalgam terrorist attack) में आतंकवादियों (terrorists) की ओर से खतरनाक हथियार एके-47 (AK-47) का इस्तेमाल किया गया। एके-47 एक एसॉल्ट राइफल होती है; जो कि काफी खतरनाक होती है। पहलगाम हमले में इसी हथियार से लोगों पर गोलियां बरसाई गई। आपको बता दें ज्यादातर आतंकवादी (terrorists) संगठन इसी हथियार का इस्तेमाल करते हैं।
यह सस्ता होता है और इस्तेमाल करने में आसान होता है। बता दें साल 1947 में एके-47 राइफल बनाई गई थी। इस राइफल का पूरा नाम है Automatic Kalashnikov-47. Mikhail Kalashnikov ने इसे बनाया था। इसकी खासियत की बात की जाए तो इस राइफल में एक साथ 30 गोलियां भर सकते हैं। इसकी गोली की रफ्तार 710 मीटर प्रति सेकंड की होती है। 1 मिनट में इस राइफल से 600 राउंड फायर किए जाते हैं और यह वजन में भी काफी हल्की होती है। एके-47 दुनिया में सबसे ज्यादा अवैध रूप से बिकने वाली राइफल है। इस राइफल का मेंटेनेंस भी ज्यादा नहीं करना होता है।

उधर एनआईए की शुरुआती जांच में पहलगाम आतंकी (terrorists) हमले में पाकिस्तान के हाथ होने के सबूत मिलने लगे हैं। बैसरन में जांच के दौरान सुरक्षा एजेंसियों को इस्तेमाल किए 50 से 70 कारतूस मिले, जो अमेरिका में बने M4 कार्बाइन असॉल्ट राइफल और एके-47 के चलाए गए गए थे। एके-47 की गोलियां चीन में बनी है। सूत्रों के अनुसार, M4 कार्बाइन भी पाकिस्तान आतंकियों ने अफगानिस्तान के तालिबान से हासिल किए हैं।
Tag: #nextindiatimes #PahalgamTerroristAttack #SyedHussainShah