उत्तराखंड। भगवान केदारनाथ (Kedarnath) का दर्शन करना हर किसी का सपना होता है। केदारनाथ मंदिर भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित है, जिसे 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। केदारनाथ ट्रेक (Kedarnath trek) की खूबसूरती और नजारे आपको चंद मिनटों में मोहित कर सकते हैं। आइए जानते हैं क्यों केदारनाथ ट्रेक भक्तों (devotees) के लिए खास है।
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गौरीकुंड से ट्रेकिंग करते हुए केदारनाथ मंदिर (Kedarnath) तक पहुंचना भले ही कठिन है, लेकिन उस कठिनाई से परे हटकर देखा जाए तो केदारनाथ ट्रेक प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। ट्रेकिंग के दौरान ऐसा लगता है, जैसे खुद भगवान केदारनाथ बुला रहे हैं। बादलों से ढके ऊंचे-ऊंचे पहाड़, लुभावने दृश्य, शांत और शुद्ध वातावरण प्रकृति की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करते हैं।
केदारनाथ ट्रेक (Kedarnath trek), सिर्फ भगवान केदारनाथ मंदिर तक जाने एक रास्ता ही नहीं, बल्कि एक शानदार और मजेदार एडवेंचर एक्टिविटी भी है। गौरीकुंड से करीब केदारनाथ मंदिर तक पहुंचने में 17-20 किमी तक ट्रेकिंग करनी पड़ती है। ट्रेकिंग के दौरान समतल पहाड़ से लेकर उबड़-खाबड़ और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ाई करनी पड़ती है, जो एडवेंचर प्रेमियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं लगता है।

केदारनाथ ट्रेक (Kedarnath trek) सिर्फ प्रकृति या एडवेंचर प्रेमियों (adventure lovers) के लिए ही स्वर्ग नहीं है, बल्कि इस ट्रेकिंग के दौरान मंदाकिनी नदी की खूबसूरती को करीब से निहार सकते हैं। जब ट्रेकिंग के दौरान मंदाकिनी नदी के ऊपर से क्रॉस करते हैं, तो नदी की तेज ध्वनि हर किसी को आकर्षित और मोहित कर सकती है। बर्फ से ढके केदारनाथ पर्वत की खूबसूरती किसी को भी चंद मिनटों में अपना दीवाना बना सकती है। खासकर जब, बर्फ से ढके पर्वतों पर धूप पड़ता है, तो नजारे और भी हसीन हो जाते हैं। शाम में भी केदारनाथ पर्वत की चमक दिखाई देती है।
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