लखनऊ। माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की मौत के बाद लगातार उठ रहे सवालों पर विराम लगाने के लिए योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। एक माह के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी गई है। मुख्तार (Mukhtar Ansari) के बेटे उमर अंसारी ने गुरुवार रात को मामले की जांच न्यायाधीश से कराने की मांग उठाई थी।
यह भी पढ़ें-पिता के जनाजे में अब्बास के शामिल होने पर सस्पेंस, हाईकोर्ट ने खारिज की अर्जी
बांदा (Banda) के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भगवान दास गुप्ता की ओर से किए गए जांच आदेश में कहा गया है कि जिला कारागार बांदा (Banda) के वरिष्ठ अधीक्षक ने जेल में निरुद्ध सिद्धदोष विचाराधीन बंदी मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की 28 मार्च को मृत्यु मामले में न्यायिक जांच के लिए जांच अधिकारी नामित करने की प्रार्थना की गई है। उसी आधार पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) गरिमा सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त कर एक माह के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
आदेश की प्रति जांच अधिकारी को भेजी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बेटे उमर अंसारी ने बांदा के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मांग की है कि उनके पिता का पोस्टमॉर्टम दिल्ली एम्स के डॉक्टरों से कराया जाए। अपने पत्र में अंसारी ने लिखा है कि उनके परिवार को बांदा (Banda) की चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है।
मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के परिवार की ओर से इस मौत को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। परिजनों ने जेल प्रशासन पर उन्हें धीमा जहर दिए जाने का आरोप लगाया है। इससे पहले कोर्ट में पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) ने भी ऐसे ही आरोप लगाए थे। जिसके बाद से इस मामले पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। दूसरी तरफ कई विपक्षी दल भी इसे लेकर प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।
Tag: #nextindiatimes #banda #MukhtarAnsari