डेस्क। हमारे देश में सोने (gold) की अहमियत के बारे में हर कोई जानता है। सोने की खरीद के मामले में हम सबसे अग्रणी देशों में शुमार हैं। भारत में त्योहारों में सोने की जमकर खरीदारी होती है। आभूषण (Jewellery) के रूप में यहां काफी मात्रा में सोना खरीदा जाता है। शुद्ध सोने के आभूषणों की हमारे देश में काफी मांग है। हालांकि, 24 कैरेट शुद्ध सोने (24 carat pure gold) से आभूषण नहीं बनाए जा सकते।
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सबसे शुद्ध 24 कैरेट के सोने (24 carat pure gold) से आभूषण (Jewellery) नहीं बनाए जा सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इनकी डेंसिटी काफी कम होती है और यह काफी मुलायम होते हैं। ऐसे में इनसे जूलरी बनाने के लिए इसमें अन्य धातुओं का मिश्रण जरूरी होता है। यह इतना नरम होता है कि इसे आसानी से विकृत किया जा सकता है। इसलिए ज्यादातर जूलर्स 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल जूलरी बनाने के लिए करते हैं।
24 कैरेट सोने से जूलरी बनाने के लिए उसमें कॉपर, सिल्वर या प्लैटिनम जैसी धातुएं मिलानी पड़ती हैं। जूलरी के लिए सोने में मिलाई जाने वाली मिश्र धातुओं के गुण भी ज्वेलरी में दिखाई पड़ते हैं। जैसे अगर 22 भाग सोने में 2 भाग चांदी मिलाने से जो ज्वेलरी (Jewellery) बनेगी उसे तकरीबन 91.67 प्रतिशत शुद्ध सोने का कहा जाएगा। इसमें जो कठोरता होगी वह चांदी की वजह से होगी। अगर इसमें सोने की मात्रा घटाते जाएं तो मिश्र धातु के हिसाब से इसकी कठोरता बढ़ती जाएगी।

24 कैरेट सोने (24 carat pure gold) की शुद्धता 100 फीसदी होती है जबकि 22 कैरेट में यह शुद्धता करीब 92 फीसदी होती है। इसमें 8 फीसदी तक दूसरी धातु मिलाई जाती है। 18 कैरेट सोने में 75 फीसदी सोना और 25 फीसदी एलॉय धातु मिलाई जाती है। ज्वेलरी बनवाने के लिए 22 कैरेट या इससे कम शुद्धता वाले सोने का ही इस्तेमाल किया जाता है। इससे ज्वेलरी (Jewellery) में मजबूती आती है और इनपर डिज़ाइन भी बनाया जा सकता है।
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