नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने खराब स्वास्थ्य के कारण अपने पद से इस्तीफा दे दिया है जिससे राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं। जगदीप धनखड़ ने 2022 में भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। 6 अगस्त, 2022 को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था।
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कभी खुद को ‘अनिच्छुक राजनेता’ कहने वाले जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने उपराष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान शक्तियों के पृथक्करण के मुद्दे पर न्यायपालिका को आड़े हाथों लिया और राज्यसभा में विपक्ष के साथ लगभग हर दिन उनका टकराव हुआ।
धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) राजनीति में अपने शुरुआती सफर में देवीलाल से प्रभावित थे। बाद में प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस में शामिल हो गए। राजस्थान विधानसभा के सदस्य के रूप में कार्यकाल खत्म होने के बाद, धनखड़ ने अपने कानूनी करियर पर ध्यान केंद्रित किया और सुप्रीम कोर्ट में वकील के रूप में प्रैक्टिस की।

वकालत के दौरान 1998 के बहुचर्चित हिरण शिकार मामले में सलमान खान के अधिवक्ता देवानंद गहलोत के द्वारा सीनियर अधिवक्ता जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को इस केस के लिए अंगेज किया था और उन्हें ज़मानत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। भाजपा ने उन्हें ”किसान पुत्र” बताया था। राजनीतिक हलकों में यह कदम राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जाट समुदाय तक पहुंच बनाने के उद्देश्य से देखा गया था।
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