स्पोर्ट्स डेस्क। पाकिस्तान ने IPL की नकल करके पाकिस्तान सुपर लीग की शुरुआत की थी। हालांकि PSL कभी भी IPL जैसी लोकप्रियता हासिल नहीं कर सका। इस बार भी लाहौर कलंदर्स ने फाइनल में क्वेटा ग्लैडिएटर्स को हराकर तीसरी बार खिताब जीता लेकिन इस जीत से ज्यादा चर्चा PSL में मिलने वाली पुरस्कार राशि (prize money) की हो रही है, जो पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति के बारे में बताती है।
यह भी पढ़ें-IPL में क्यों चेक किए जाते हैं बल्लेबाजों के बैट? जानें क्रिकेट का ये खास नियम
बता दें लाहौर को इस सीजन PSL जीतने के बाद 4 करोड़ 26 लाख की रकम मिली है। इतनी प्राइज मनी तो राजस्थान रॉयल्स को साल 2008 के आईपीएल में मिली थी। इंडियन प्रीमियर लीग में दुनिया का हर बड़ा क्रिकेटर खेलने के लिए लालायित रहता है। हर साल ऑक्शन में दुनिया भर के सैकड़ों क्रिकेटर अपना रजिस्ट्रेशन कराते हैं, लेकिन कुछ ही खिलाड़ियों की किस्मत ऐसी होती है जिसे इस लीग का कॉन्ट्रैक्ट मिल पाता है।

अगर IPL की बात करें तो इस लीग की शुरुआत 2008 में हुई थी। 18 साल पहले जब पहली बार इस टूर्नामेंट का आयोजन हुआ था, तब राजस्थान रॉयल्स को 4.80 करोड़ रुपए दिए गए थे। यानी आज पाकिस्तान की इनामी राशि भारत के 18 साल के मानक तक भी नहीं पहुंच पाई है। इतना ही नहीं IPL की मेगा नीलामी में कई अनकैप्ड खिलाड़ी पीसीएल की पूरी इनामी राशि से भी ज्यादा कीमत पर बिकते हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग की प्राइज मनी के बारे में बात करें तो जीतने वाली टीम को भारी भरकरम रकम मिलती है। पिछले सीजन की चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स को खिताब जीतने के बाद प्राइज मनी के रूप में 20 करोड़ रुपए मिले थे। वहीं रनर अप रहने वाली टीम सनराइजर्स हैदराबाद को 12.5 करोड़ रुपए मिले थे। इसकी तुलना में अगर पाकिस्तान सुपर लीग की बात करें तो वह काफी कम है।
Tag: #nextindiatimes #IPL2025 #PSL2025