नई दिल्ली। भारतीय नौसेना (Indian Navy) के कमांडोज ने अरब सागर में हाईजैक हुए जहाज से सभी 15 भारतीयों को छुड़ा लिया है। जहाज पर सवार सभी 21 चालक दल (15 भारतीयों सहित) को वहां से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। सैन्य अधिकारियों ने कहा था कि जहाज पर सवार भारतीय दल सुरक्षित हैं और डाकुओं ने सीधी बात नहीं मानी, तो मरीन कमांडो मार्कोस (MARCOS) ऑपरेशन के लिए तैयार हुए।
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घटना की जानकारी मिलने के बाद युद्धपोत आईएनएस चेन्नई (INS Chennai) सोमालिया तट के पास अपहृत जहाज एमवी लीला नोरफोक के पास पहुंच था और भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने समुद्री डाकुओं को अपहृत जहाज को छोड़ने की चेतावनी दी थी। जहाज पर समुद्री लुटेरों की सूचना मिलते ही नेवी (Indian Navy) एक्टिव हो गई थी। भारतीय नौसेना के समुद्री गश्त विमान पी-8आई को काम पर लगा दिया। इसके बाद चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए जहाज से संपर्क स्थापित किया।
इस बीच नौसेना (Indian Navy) के विमान जहाज की गतिविधियों पर नजर रखे हुए था। इस काम में उनकी मदद कर रहा था आईएनएस चेन्नई (INS Chennai)। इंडियन नेवी (Indian Navy) के मिशन मोड में आते ही आईएनएस चेन्नई एमवी लीला की तरफ बढ़ने लगा। इस बीच नेवी ने क्षेत्र की अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित किया हुआ। इसके पीछे वजह थी कि स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा सके।
नेवी का युद्धक जहाज एमवी लीला के करीब पहुंचा। इसके बाद हेलीकॉप्टर को जहाज के ऊपर भेजा गया। इसके बाद यह सुनिश्चित किया गया कि विमान पर लुटेरे हैं या नहीं। इसके बाद आईएनएस चेन्नई में तैनात नेवी के मरीन कमांडो उस जहाज पर पहुंचे। उन्होंने पूरी तरह से जहाज को सैनिटाइज किया। नेवी कमाडो (Indian Navy) के पहुंचने तक लुटेरे वहां से भाग चुके थे। कमांडो (commandos) ने शिप पर सवार 15 भारतीयों समेत चालक दल के 21 सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाला। नेवी के कमांडो के पहुंचने से पहले तक वे लोग जहाज के सेफ हाउस में थे। इस तरह भारतीय सेना ने एक जहाज को अपहरण किए जाने और लुटेरों के जरिये बंधक बनाए जाने की कोशिश को नाकाम कर दिया।
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