नई दिल्ली। भारत में नागरिकता संसोधन कानून (CAA) को लेकर अमेरिका (America) की टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बता दें अमेरिका (America) ने भारत में सीएए (CAA) लागू करने को लेकर आपत्ति जताई है और कहा कि वह इस पर कड़ी नजर रख रहा है।
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भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि CAA को लेकर अमेरिका की ओर से आई प्रतिक्रिया गैर जरूरी और आधी-अधूरी सूचना से प्रेरित है। ये कानून (CAA) नागरिकता देने से जुड़ा है ना कि किसी की नागरिकता छीनने से। भारत का संविधान उसके हर नागरिक (citizen) को धार्मिक आजादी का अधिकार देता है। जिन लोगों को भारत की विविधता से भरपूर परंपराओं (traditions) का ज्ञान नहीं, उन्हें हमें भाषण देने की जरूरत नहीं।

इससे पहले अमेरिका (America) ने कहा था कि वह भारत में नागरिता संसोधन कानून (CAA) को लागू किए जाने की अधिसूचना को लेकर चिंतित है। वो CAA को लागू किए जाने पर करीब से नजर रख रहा। अमेरिकी विदेश विभाग (US State Department) के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि भारत में 11 मार्च को नागरिकता संसोधन (CAA) अधिनियम की अधिसूचना को लेकर हम चिंतित हैं। अमेरिका की प्रतिक्रिया पर शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब दिया है।
सीएए (CAA) के खिलाफ आलोचना को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने कहा कि संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए किए गए प्रशंसनीय पहल को वोट बैंक की राजनीति से जोड़ना सही नहीं है। मंत्रालय (ministry) ने कहा कि जिन लोगों को भारत की बहुलवादी परंपराओं, विभाजन के बाद के इतिहास की समझ नहीं है वह इस मुद्दे पर व्याख्यान और ज्ञान न दें।
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