पेरिस। पेरिस पैरालंपिक (Paris Paralympics) में भारत का लगातार शानदार प्रदर्शन जारी है। शुक्रवार देर रात भारतीय एथलीट होकाटो होतोजे सेमा (Hokato Sema) ने देश के लिए कांस्य पदक (bronze medal) जीता। अपना पहला पैरालंपिक खेल रहे 40 वर्षीय होकाटो (Hokato Sema) ने F57 शॉट पुट इवेंट में 14.65 मीटर थ्रो करके तीसरा स्थान हासिल किया। पेरिस पैरालिंपिक में यह भारत का 27वां पदक है।
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नागालैंड (Nagaland) के एथलीट ने 14.40 के अपने तीसरे थ्रो के साथ स्टैंडिंग में तीसरा स्थान हासिल किया और चौथे प्रयास में और सुधार किया। होकाटो (Hokato Sema) पैरालंपिक पदक (medal) जीतने वाले नागालैंड के पहले एथलीट हैं। एक अन्य भारतीय एथलीट सोमन राणा 14.07 के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ पांचवें स्थान पर रहे। जब उन्होंने अपने प्रयासों का सेट पूरा किया तो वे स्टैंडिंग में तीसरे स्थान पर थे, लेकिन फिनलैंड के तेजो कोपिक्का और होकाटो (Hokato Sema) के बेहतर प्रयासों के बाद पेकिंग पदक की दौड़ से बाहर हो गए।

इस इवेंट में ईरान के यासीन खोसरावी ने 15.96 मीटर के थ्रो के साथ इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक (gold medal) जीता, जबकि ब्राजील के पॉलिनो डॉस सैंटोस 15.06 मीटर के थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहे और रजत पदक (silver medal) जीता। होकाटो (Hokato Sema) की जीत के साथ, भारत ने अब तक पेरिस पैरालिंपिक 2024 में एथलेटिक्स स्पर्धा में कुल 15 पदक जीते हैं। भारत वर्तमान में 6 स्वर्ण, 9 रजत और 12 कांस्य सहित 27 पदकों के साथ पदक तालिका में 17वें स्थान पर है।
होकाटो होटोजे सेमा (Hokato Sema) के पिता किसान हैं। उनके कुल 4 बच्चे थे। होकाटो उनकी दूसरी संतान हैं। सेमा हमेशा से सेना में भर्ती होना चाहते थे। उनका सपना महज 17 साल की उम्र में पूरा हो गया। हालांकि वे इस सपने को ज्यादा दिनों तक जी नहीं पाए। 2002 में होकाटो सेमा (Hokato Sema) ने जम्मू-कश्मीर के चौकीबल में आतंकवाद विरोधी अभियान में हिस्सा लिया था। इस दौरान एक बारूदी सुरंग (landmine) में विस्फोट हो गया। इस बारूदी सुरंग विस्फोट में सेमा ने अपना बायां पैर खो दिया।
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