डेस्क। अमेरिका (America) और चीन के बीच शुरू हुए टैरिफ वॉर (tariff war) की चपेट में अब एविएशन सेक्टर भी आ गया है। चीन (China) ने अपनी एयरलाइंस को अमेरिकी कंपनी बोइंग से जेट की डिलीवरी नहीं लेने का आदेश दिया है। चीनी सरकार ने अपने एयरलाइंस (airlines) को निर्देश दिया है कि वे अमेरिका से एयरक्राफ्ट उपकरण और पार्ट्स की खरीद भी रोक दें।
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बता दें अमेरिका (America) अब चीन से आयात पर 145 प्रतिशत तक टैरिफ लगा रहा है। वहीं चीन ने अमेरिकी आयात पर 125 फीसदी का जवाबी शुल्क लगाया है। इस टैरिफ वॉर (tariff war) पर चीन ने पिछले दिनों तीखी प्रतिक्रिया दी थी। चीन ने कहा था कि उसका देश हर तरह के युद्ध के लिए तैयार है और उसे आखिरी तक अंजाम देगा। ऐसे में सवाल उठता है कि अमेरिका और चीन में कौन ज्यादा शक्तिशाली है?

बात की जाए अगर मिलिट्री पावर (military power) की तो अमेरिकी सेना (America) में सक्रिय ड्यूटी पर तैनात सैनिकों की संख्या 1328000 है। वहीं, चीनी से में तैनात सक्रिय सैनिकों की संख्या 2035000 है। अमेरिका के रिजर्व सैनिकों की संख्या 799500 है, वहीं चीन के पास रिजर्व सैनिकों की संख्या 510300 है। अमेरिका (America) के पास कुल विमानों की संख्या 13043 है। वहीं, चीन के पास कुल विमानों की संख्या 3309 है। अमेरिकी वायु सेना के पास फाइटर एयरक्राफ्ट की कुल संख्या 1790 है, वहीं चीन के पास 1212 हैं।
दोनों देश अब सिर्फ ट्रेड (tariff war) या इकोनॉमी में ही नहीं बल्कि डिफेंस और टेक्नोलॉजी में भी एक-दूसरे को टक्कर दे रहे हैं। इसी वजह से इनका टकराव पूरी दुनिया की चिंता का विषय बन गया है। ये जंग सिर्फ इन दोनों तक सीमित नहीं रहेगी। वहीं दोनों देश परमाणु हथियारों से भी लैस हैं। ऐसे में अगर चीन और अमेरिका के बीच सीधी जंग होती है तो पूरी दुनिया पर इसका असर होगा और भारी तबाही मचेगी।
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