डेस्क। दुनिया में परमाणु हथियारों को लेकर चिंता हमेशा बनी रहती है। 1945 में अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर atom bomb गिराकर इतिहास का सबसे भयावह अध्याय लिखा था लेकिन एटम बम के मुकाबले कहीं ज्यादा खतरनाक हाइड्रोजन बम (hydrogen bomb) होता है, जिसे थर्मोन्यूक्लियर बम भी कहा जाता है। इसकी ताकत इतनी ज्यादा होती है कि एक बार विस्फोट होने पर यह पूरे बड़े शहर को मिटा सकता है।
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atom bomb विस्फोट के बाद ऊर्जा पैदा करने के लिए परमाणु विखंडन की प्रक्रिया पर काम करता है। इस दौरान एक परमाणु का नाभिक छोटे भागों में बंट जाता है। यह आमतौर पर मुक्त न्यूट्रॉन और फोटॉन पैदा करता है और भारी मात्रा में ऊर्जा जारी करता है। अमेरिका ने साल 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी पर बम गिराए थे।
हाइड्रोजन बम (hydrogen bomb) एक व्यापक प्रक्रिया पर चलने वाला डिवाइस है। इसमें परमाणु बम और थर्मोन्यूक्लियर बम दोनों शामिल हैं। थर्मोन्यूक्लियर बम जिन्हें हाइड्रोजन बम या एच-बम के तौर जाना जाता है। परमाणु संलयन का इस्तेमाल करते हैं। जहां हल्के परमाणु नाभिक मिलकर भारी नाभिक बनाते हैं जिससे ऊर्जा निकलती है। परमाणु बम और हाइड्रोजन बम में मुख्य अंतर उनकी ऊर्जा का स्रोत है। नाभिकीय विखंडन पर परमाणु बम आधारित है, तो वहीं हाइड्रोजन बम नाभिकीय संलयन पर आधारित है।

हाइड्रोजन बम (hydrogen bomb) परमाणु बम की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली होता है क्योंकि संलयन प्रतिक्रिया विखंडन प्रतिक्रिया की तुलना में ज्यादा ऊर्जा निकालती है। हाइड्रोजन बम की ताकत मेगाटन में होती है, यानी लाखों टन टीएनटी के बराबर। इतिहास का सबसे बड़ा हाइड्रोजन बम सोवियत संघ ने 1961 में टेस्ट किया था, जिसे Tsar Bomba कहा गया था।
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