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Saturday, May 24, 2025

कितना होना चाहिए बच्चों का स्क्रीन टाइम?

डेस्क। आज कल लोगों को सुबह उठने के बाद सबसे पहली चीज जो चाहिए, वो है फोन और फोन (phone) देखते-देखते कब आधे से 1 घंटे और उससे अधिक घंटे बीत जाते हैं, पता ही नहीं चलता। ऐसी हालत केवल बड़ों की ही नहीं बच्चों (children) की भी है। ज्यादा देर तक स्क्रीन के सामने समय बिताने (screen time) से आंखों में दर्द, जलन, भारीपन और ड्राइनेस की समस्या हो सकती है।

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इसके अलावा आंखों की रोशनी भी कम हो जाती है, जिससे कम उम्र में ही चश्मा पहनना पड़ जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि बच्चे से लेकर बड़ों को स्क्रीन (screen time) के सामने कितना अधिक समय बिताना चाहिए। आजकल ऑनलाइन क्लास करना, वीडियो गेम खेलना, कार्टून देखना या दोस्तों से चैटिंग करना बच्चों के दिन का एक बड़ा हिस्सा बन चुका है।

हालांकि एक तरफ ऑनलाइन क्लास (online classes) के लिए बच्चे स्क्रीन यूज करते है लेकिन अन्य कामों के लिए अधिक इस्तेमाल करने से बच्चों में गंभीर समस्या भी देखी जा सकती है। बच्चे की स्क्रीन टाइम कम करने के लिए माता-पिता को दैनिक स्क्रीन टाइम निर्धारित करना चाहिए। 2-5 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए स्क्रीन समय (screen time) को प्रतिदिन एक घंटे तक रखें। मनोरंजन के लिए 2 घंटे से अधिक समय न दें।

स्क्रीन समय (screen time) को बेहतर ढंग से मॉनिटर और मैनेज करने के लिए Parental Control Apps का भी उपयोग करें। हर 20 मिनट में अपने बच्चे से 20 सेकंड के लिए ब्रेक और 20 फीट दूरी से देखने के लिए बोलें। इससे आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है और तनाव कम होता है। स्क्रीन टाइम के समय पीठ को सहारा देने वाली कुर्सियों का उपयोग करें और बच्चों को सीधे बैठने के लिए प्रोत्साहित करें। पैर जमीन पर सपाट होने चाहिए और हाथ 90 डिग्री के कोण पर होना चाहिए।

Tag: #nextindiatimes #screentime #technology

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