नई दिल्ली। राष्ट्रपति (President) द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने राज्यसभा के लिए चार सदस्यों (members of Parliament) को मनोनीत किया है। इनमें 26/11 हमलों जैसे कई चर्चित मामलों के सरकारी वकील उज्जवल देवराव निकम, मशहूर इतिहासकार एवें शिक्षाविद् मीनाक्षी जैन, केरल के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सी सदानंदन मास्टर और पूर्व विदेश सचिव और कुशल राजनयिक हर्षवर्धन श्रंगला शामिल हैं।
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राष्ट्रपति Draupadi Murmu ने अपने विशेष अधिकारों संविधान के अनुच्छेद 80(1) (a) और खंड (3) का इस्तेमाल करते हुए इनको मनोनीत किया है। संविधान का यह भाग राष्ट्रपति (President) को राज्यसभा में सदस्यों को चुनने की अनुमति देता है। चलिए जानते हैं कि जिन सांसद सदस्यों को राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं, उनको कितनी सैलरी मिलती है?
President द्वारा मनोनीत सदस्यों को भी अन्य राज्यसभा (Rajya Sabha) के सदस्यों की तरह ही समान वेतन और भत्ते मिलते हैं। 2025 में सांसदों का मासिक वेतन 1.24 लाख रुपये है। उनको निर्वाचन क्षेत्र का भत्ता, दैनिक भत्ता, कार्यालय भत्ता और अन्य सुविधाएं मिलती हैं। इसके अलावा कार्यालय व्यय भत्ता, दैनिक भत्ता, आवास, बिजली, पानी, टेलीफोन और डॉक्टरी सुविधाएं मिलती हैं। इसके अलावा यात्रा भत्ता और रिटायरमेंट के बाद पेंशन 25,000 रुपये साथ ही साथ 5 साल से ज्यादा की सेवा के लिए 2000 रुपये एक्स्ट्रा पेंशन भी मिलती है।

संविधान के अनुच्छेद 249 के अनुसाल राज्यसभा में उपस्थित और मतदान में भाग लेने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से राज्य सूची के किसी भी विषय को राष्ट्रीय महत्व का विषय घोषित करने का अधिकार होता है। अगर राज्यसभा के द्वारा ऐसा प्रस्ताव पारित कर दिया गया तो संसद उस पर कानून का निर्माण कर सकती है। संविधान के अनुच्छेद 312 के अनुसाल राज्यसभा ही अपने दो तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार को नई अखिल भारतीय सेवाएं स्थापित करने का अधिकार दे सकती है।
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