पटना। 6 दिन का सफर तय कर महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा 22 अगस्त को भागलपुर पहुंच गई। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और तेजस्वी अब तक 8 जिले और 18 सीटें कवर कर चुके हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में इन 18 सीटों में से 12 सीटें महागठबंधन ने जीती थीं। मतलब साफ है कि यात्रा की शुरुआत उन्हीं सीटों से हुई, जहां महागठबंधन मजबूत है।
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16 दिन में 1,300 किमी चलने वाली यह यात्रा 23 जिलों और 50 विधानसभाओं से गुजरेगी। सोर्स बताते हैं, ‘यात्रा के कोऑर्डिनेशन का जिम्मा मनोज त्यागी और सुशांत मिश्रा को दिया गया। इसके अलावा अलका लांबा, Rahul Gandhi के पीए अलंकार सवाई, मीडिया इंचार्ज पवन खेड़ा और जयराम रमेश भी शामिल रहे। बिहार कांग्रेस से प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम के पास राज्य के नेताओं के साथ कोऑर्डिनेशन की जिम्मेदारी थी। बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू भी प्लानिंग में शामिल थे।

गठबंधन के दलों के नेता सीधे प्लानिंग का हिस्सा बने। इनमें RJD से संजय यादव, VIP से मुकेश सहनी, CPI (ML) से दीपांकर भट्टाचार्या शामिल रहे। इन दिनों राहुल गांधी रात 11 बजे तक बिहार में विजय का ताना-बाना बुन रहे। उसके बाद ही रात्रि विश्राम की मोहलत मिल रही। बिहार में ‘वोट अधिकार यात्रा पर निकले राहुल की यही दिनचर्या है।
तेलंगाना में यात्रा के दौरान मसालेदार भोजन से राहुल को परेशानी हुई थी, इसीलिए इस बार सादा और पौष्टिक भोजन प्राथमिकता में है। यात्रा में सहयात्रियों के लिए तीन श्रेणी में वातानुकूलित कुल 45 कंटेनर हैं। Rahul Gandhi के कंटेनर से लगी उनकी वैनिटी वैन होती है। इसके साथ एक और वातानुकूलित बस है, जिसमें राहुल का निजी कार्यालय व्यवस्थित है। राहुल की इस यात्रा में रोजाना 1 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
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