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Friday, September 26, 2025

एशिया कप ट्रॉफी में कितना लगा है सोना-चांदी, बनाने में लगा था 400 घंटे से ज्यादा का समय

स्पोर्ट्स डेस्क। Asia Cup 2025 के फाइनल में भारत और पाकिस्तान की टीमों का मुकाबला तय हो गया है। एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट न सिर्फ एक खेल है, बल्कि इसकी ट्रॉफी भी चर्चा का विषय रही है। हालांकि ट्रॉफी की सटीक धातु सामग्री और वजन के बारे में आधिकारिक जानकारी सीमित है।

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एशिया कप क्रिकेट ट्रॉफी न केवल एशियाई क्रिकेट की प्रतिष्ठा का प्रतीक है, बल्कि इसकी धातु सामग्री और डिजाइन भी विशेष महत्व रखते हैं। हालांकि, ट्रॉफी में सोने और चांदी की सटीक मात्रा के बारे में आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके निर्माण और डिजाइन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। इसका डिजाइन कमल के फूल से प्रेरित है, जो एशिया में शांति, एकता और सौहार्द का प्रतीक माना जाता है।

एशिया कप ट्रॉफी का निर्माण सोने की परत चढ़ी हुई धातु से किया गया है, इसके ऊपर चांदी की परत लगी हुई है। इसका मतलब है कि ट्रॉफी की बाहरी सतह पर सोने की परत चढ़ाई गई है, जबकि इसकी मुख्य संरचना चांदी की है। सोने और चांदी की सटीक मात्रा के बारे में कोई आधिकारिक विवरण उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह माना जाता है कि ट्रॉफी की भव्यता और चमक को देखते हुए इसमें महत्वपूर्ण मात्रा में चांदी और सोने की परत शामिल है।

इस ट्रॉफी के निर्माण में लगभग 400 घंटे का समय लगा था, जिसमें 12 विभिन्न कारीगरों ने भाग लिया था। इसकी जटिलता और कारीगरी इसे एक प्रतिष्ठित पुरस्कार बनाती है। एशिया कप ट्रॉफी न केवल एक खेल पुरस्कार है, बल्कि यह एशियाई क्रिकेट की समृद्धि और गौरव का प्रतीक भी है। इसकी धातु सामग्री, डिजाइन और प्रतीकात्मकता इसे खास बनाती है।

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