डेस्क। भारत में शराब पर सरकार जमकर टैक्स वसूली करती है। शराब (liquor) टैक्स से राज्यों की अच्छी खासी कमाई होती है। लगभग हर राज्य में शराब पर भारी मात्रा में टैक्स लगाया जाता है और इसी टैक्स से सरकारों को हजारों करोड़ की कमाई होती है। ऐसे में सवाल है कि अगर सरकार टैक्स वसूली न करे तो बोतल की कीमत कितनी होगी?
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भारत में शराब (liquor) पर अलग-अलग हिसाब से एक्साइज ड्यूटी भी वसूली जाती है। हर राज्य अपनी नीति के अनुसार शराब पर एक्साइज टैक्स, वैट और अन्य शुल्क लगाता है। कई राज्यों में तो शराब की कीमत का 60% से 80% हिस्सा सिर्फ टैक्स ही होता है। उदाहरण के लिए देखें तो दिल्ली में एक बोतल की कीमत का करीब 65-70% हिस्सा टैक्स ही होता है। वहीं कर्नाटक और तमिलनाडु में टैक्स 70% से ज्यादा है।

उत्तर प्रदेश में भी शराब (liquor) पर कुल टैक्स लगभग 60% के आसपास है। मान लीजिए किसी प्रीमियम ब्रांड की शराब की बोतल की फैक्ट्री कीमत 200 रुपये है। इस पर राज्य सरकार अलग-अलग टैक्स लगाती है। अगर टैक्स की दर औसतन 70% है, तो बोतल की कीमत इस तरह तय होती है कि फैक्ट्री कीमत 200 रुपये, एक्साइज ड्यूटी और अन्य टैक्स 70% यानि 140 रुपये, डिस्ट्रीब्यूटर और रिटेल मार्जिन 60 रुपये और इसकी अंतिम कीमत 400 रुपये होती है।
400 रुपये की बोतल पर सरकार को 140 रुपये यानी कुल कीमत का लगभग एक-तिहाई से आधा हिस्सा मुनाफे के रूप में जाता है। वहीं अगर टैक्स न लगे तो 400 रुपये की बोतल की असली कीमत सिर्फ 200 से 250 रुपये के बीच होगी। यानी उपभोक्ता आधे दाम में ही शराब खरीद पाएगा।
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