नई दिल्ली। आज से शुरू हो चुका संसद का मानसून सत्र पूरी तरह से हंगामेदार चल रहा है। यह सत्र 21 अगस्त तक चलेगा और इस दौरान दोनों सदनों की कुल 21 बैठकें होंगी। आइए जानें कि संसद के कौन कौन से सत्र (Parliament sessions) होते हैं और इनको कैसे बुलाया जाता है?
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भारतीय संविधान के अनुच्छेद 85 की मानें तो राष्ट्रपति को संसद सत्र बुलाने का अधिकार होता है। राष्ट्रपति ही संसद सत्र (Parliament sessions) को स्थगित भी कर सकते हैं। सत्र बुलाने के लिए राष्ट्रपति का आदेश दोनों सचिवालयों को भेजा जाता है। जब सत्र की तारीख तय हो जाती है तो लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय सत्र में आने के लिए सांसदों को समन भेजा जाता है। जब सत्र की तारीख तय हो जाती है तो संसदीय कार्य मंत्री इसका एलान करते हैं।

संविधान के अनुसार संसद का सत्र 12 महीने में कम से कम दो बार जरूर बुलाया जाना चाहिए। लोकसभा के अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति सदनों की कार्यवाही का संचालन करते हैं। संसद के सत्र तीन प्रकार के होते हैं। पहला होता है बजट सत्र, दूसरा है मानसून सत्र और तीसरा है शीतकालीन सत्र।
बजट सत्र फरवरी से मई के बीच बुलाया जाता है। इसमें केंद्र सरकार वित्तीय वर्ष का बजट पेश करती है। बजट सत्र सबसे लंबा होता है। मानसून सत्र जुलाई से अगस्त-सितंबर के बीच बुलाया जाता है। इसमें विधेयक पेश किए जाते हैं। शीतकालीन सत्र नवंबर-दिसंबर में बुलाया जाता है, जिसमें विधायी कार्य किए जाते हैं। इसके अलावा इमरजेंसी की स्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े किसी मुद्दे पर या अन्य किसी विशेष परिस्थिति में संसद विशेष सत्र भी बुलाया जा सकता है।
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