स्पोर्ट्स डेस्क। आईपीएल (IPL) के ‘एल क्लासिको’ मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स (MI Vs CSK) के मैच में मुंबई ने महेंद्र सिंह धोनी की टीम को 9 विकेट से रौंदकर टूर्नामेंट में अपनी लगातार तीसरी जीत दर्ज की। इस मैच में मिली हार के बाद धोनी (MS Dhoni) को फैंस सोशल मीडिया पर खूब लताड़ लगा रहे हैं। इसके पीछे की प्रमुख वजह है धोनी रिव्यू सिस्टम (DRS) का इस्तेमाल नहीं करना।
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खैर डीआरएस (DRS) के क्या नियम हैं, आईपीएल में 1 टीम कितने DRS ले सकती है। ऐसी कुछ जानकारियां हम आपको बताने जा रहे हैं। डीआरएस का फुल फॉर्म है डिसीजन रिव्यू सिस्टम होता है। इसके तहत अगर किसी टीम या खिलाड़ी को लगता है कि अंपायर का फैसला गलत है तो वह फील्डिंग के दौरान कप्तान और बल्लेबाजी के दौरान स्ट्राइकर छोर पर खड़ा बल्लेबाज हाथ से टी का निशान बनाकर रिव्यू ले सकता है। इसके लिए 15 सेकंड का समय दिया जाता है।

इसके बाद थर्ड अंपायर फिर से पड़ताल कर फैसला देते हैं। यदि मांग सही होती है तो थर्ड अंपायर ऑन फील्ड अंपायर के निर्णय को बदल देते हैं। ऐसे में DRS भी खत्म नहीं होता लेकिन अगर खिलाड़ियों की मांग गलत साबित होती है, तब डीआरएस खर्च हो जाता है।
आईपीएल के नए नियमों के मुताबिक अब एक टीम के पास चार डीआरएस (DRS) होते हैं। दो का इस्तेमाल बल्लेबाजी और दो डीआरएस का इस्तेमाल गेंदबाजी के दौरान किया जा सकता है। इसका मतलब है कि एक डीआरएस बर्बाद होने पर भी टीमों के पास एक डीआरएस बचा रहता है। हालांकि पहले आईपीएल में एक टीम को सिर्फ 2 डीआरएस मिलते थे।
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