डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव मतगणना (Bihar Assembly election) के रुझानों में एनडीए एक बार फिर सत्ता में वापस लौटती दिख रही है। इसी बीच आइए जानते हैं कि जीतने के कितने समय बाद निर्वाचित नेताओं को पद की शपथ लेनी होती है और क्या होती है पूरी प्रक्रिया?
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आपको बता दें कि भारतीय संविधान में निर्वाचित प्रतिनिधियों या मुख्यमंत्री के लिए पद की शपथ लेने की कोई निश्चित समय सीमा नहीं बताई गई है। इस प्रक्रिया को आमतौर पर चुनाव परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाता है लेकिन इसके लिए कोई निश्चित दिनों की संख्या तय नहीं की गई है। ज्यादातर राज्यों में शपथ ग्रहण समारोह नतीजे के तीन से 10 दिनों के अंदर हो जाता है।

यह इस बात पर निर्भर करता है कि बहुमत वाली पार्टी या गठबंधन कितनी जल्दी सरकार बनाने का दावा पेश कर पाते हैं। यह प्रक्रिया तब से शुरू हो जाती है जब भारत का चुनाव आयोग अंतिम परिणाम को घोषित कर देता है। मतगणना समाप्त होने के बाद चुनाव आयोग संबंधित राज्य विधानसभा या फिर संसद को विजय उम्मीदवारों के नाम औपचारिक रूप से सूचित करता है। इस चरण के दौरान विजयी उम्मीदवार को निर्वाचित विधायक या निर्वाचित सांसद कहा जाता है।
इसके बाद विधानसभा में स्पष्ट बहुमत प्राप्त करने वाला दल या फिर गठबंधन अपना दावा पेश करने के लिए राज्यपाल या राष्ट्रपति के पास जाता है। यदि किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलती तो राज्यपाल या राष्ट्रपति सबसे बड़े दल या बहुमत का दावा करने वाले गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। इस दावे के साथ विधायकों या फिर सांसदों के समर्थन पत्र होने चाहिए।
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