स्पोर्ट्स डेस्क। भारत में सट्टा बाजारों (betting) का संचालन अवैध है लेकिन इसके बावजूद भी अधिकांश सट्टा गतिविधियां अवैध और गुप्त रूप से संचालित होती हैं। यही वजह है कि देश में सट्टा बाजारों की कुल संख्या का पता लगा ही नहीं सकते लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं देश के उन सट्टा बाजारों के बारे में जो काफी ज्यादा मशहूर हैं।
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मटका जुआ:
मटका जो एक लॉटरी शैली का खेल है। यह 1960 के दशक में मुंबई से मशहूर हुआ है। इसकी शुरुआत कल्याण जी भगत ने की थी और बाद में रतन खत्री ने इसे लोकप्रिय बनाया। 1980 और 1990 के दशक में यह काफी ज्यादा मशहूर हुआ। अपनी सफलता के दौर में मटका ने बड़ी संख्या में प्रतिभागियों को आकर्षित किया लेकिन सख्त पुलिस कार्रवाई की वजह से डीलरों को दूसरे राज्यों में भागना पड़ा।
फलौदी सट्टा बाजार:
भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रसिद्ध सट्टा बाजारों में से एक है राजस्थान में स्थित फलौदी सट्टा बाजार। यह बाजार चुनाव,क्रिकेट मैच और कई बड़े आयोजनों के परिणाम की सटीकता के साथ भविष्यवाणी करने के लिए मशहूर है। अवैध स्थिति के बावजूद भी यह बाजार अभी भी चलता है और इसकी भविष्यवाणी अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। फलौदी के अलावा कई और लोकप्रिय सट्टा बाजार हैं। जैसे करनाल सट्टा बाजार, बेलगाम सट्टा बाजार और कोलकाता सट्टा बाजार।

क्रिकेट सट्टेबाजी:
भारत में क्रिकेट सट्टेबाजी काफी ज्यादा फैली हुई है खासकर इंडियन प्रीमियर लीग जैसे बड़े टूर्नामेंट के दौरान। हालांकि क्रिकेट पर सट्टेबाजी अवैध है लेकिन इसका संचालन आमतौर पर अंडरग्राउंड सट्टेबाजों द्वारा किया जाता है। प्रवर्तन निदेशालय के साथ-साथ कई कानून प्रवर्तन एजेंसी ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए लगातार जांच कर रही हैं।
ऑनलाइन सट्टेबाजी:
इंटरनेट और स्मार्टफोन की सहूलियत के साथ-साथ भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी के पैमाने काफी ज्यादा बढ़ चुके हैं। लोग अब घर बैठे अलग-अलग प्लेटफार्म का इस्तेमाल करके सट्टेबाजी कर सकते हैं। हालांकि अगस्त 2025 में भारत सरकार ने ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने वाला एक कानून पारित किया है। इसके बाद यह पूरे देश में अवैध हो गया है। इस कानून का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना और कारावास हो सकता है।
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