22 C
Lucknow
Tuesday, November 25, 2025

जेल में पैदा हुए बच्चे का कैसे होता है पालन-पोषण? मिलते हैं ये कानूनी अधिकार

डेस्क। मेरठ की कुख्यात मुस्कान का नाम आज भी चर्चा में है। वही मुस्कान, जिसने अपने पति सौरभ की हत्या अपने प्रेमी के साथ मिलकर की थी और लाश के टुकड़े नीले ड्रम में भरकर सीमेंट से सील कर दिए थे। इसी केस की मुख्य अभियुक्त मुस्कान ने एक बेटी को जन्म दिया है। इसने एक नया सवाल खड़ा कर दिया है कि जेल में पैदा हुए child का पालन-पोषण कैसे होता है?

यह भी पढ़ें-एक दिन में चेक क्लियर का दावा धड़ाम, NPCI ने बताया क्यों हो रहा ऐसा?

भारत में ज्यादातर जेलों में अब जेल के अंदर डिलीवरी नहीं कराई जाती है। जेल में बंद महिला कैदी को प्रेगनेंसी के आखिरी स्टेज में अस्पताल ले जाया जाता है। वहीं डिलीवरी के कुछ हफ्तों बाद मां और बच्चे को वापस जेल लाया जाता है और महिला वार्ड में उनकी व्यवस्था की जाती है। ज्यादातर बड़ी जेलों में बच्चों के लिए क्रेच चलाया जाता है, जहां उन्हें प्री प्राइमरी एजुकेशन दी जाती है।

कानूनी रूप से देखें तो बच्चा अपनी मां और पिता दोनों की संपत्ति में हकदार होता है। मुस्कान का अपराध उसकी बेटी के अधिकार को खत्म नहीं करता है। यदि मुस्कान के पति सौरभ की संपत्ति है, तो बच्ची को पिता पक्ष से भी विरासत में हिस्सा मिल सकता है। 6 साल पूरा होने पर बच्चे को जेल में नहीं रखा जा सकता है।

भारत में जेल में जन्म लेने वाले बच्चों को कई विशेष अधिकार दिए जाते हैं, जैसे- बच्चा सामान्य नागरिक की तरह जन्म प्रमाण पत्र, स्वास्थ्य सुविधाएं और शिक्षा का अधिकार रखता है। बच्चा माता-पिता दोनों की संपत्ति का वैध उत्तराधिकारी होता है। बच्चे का जन्म चाहे जेल में हो लेकिन बच्चा हमेशा अपने माता-पिता की संतान माना जाता है, जिसका रिकॉर्ड कानूनी रूप से सुरक्षित रहता है।

Tag: #nextindiatimes #MuskanCase #Meerut

RELATED ARTICLE

close button