डेस्क। एक समय में एक-दूसरे के जिगरी यार रहे इजरायल (Israel) और ईरान (Iran) आज एक-दूसरे के जानी दुश्मन बन बैठे हैं। एक-दूसरे पर सबसे ताकतवर मिसाइल (missile) मारने की फिराक में बैठे ये दोनों देश कभी एक-दूसरे को गले लगाते थे। ऐसे में सबके मन में एक सवाल उठता है कि आखिर दोनों के बीच दुश्मनी कहां से शुरू हुई?
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दोनों देशों की दोस्ती के किस्से शाही दौर के हैं। इजरायल (Israel) ने 1948 में जब खुद को यहूदी राष्ट्र घोषित किया तो ईरान उन मुस्लिम देशों में से एक था, जिसने इसे चुपचाप मान्यता दी थी। ईरान के उस समय के शासक शाह मोहम्मद रजा पहलवी और इजरायल की सरकार के बीच राजनयिक और सैन्य संबंध मजबूत थे। दोनों ही देश अमेरिका के करीबी माने जाते थे और दोनों के बीच रिश्ते काफी ज्यादा मजबूत थे।

ईरान से इजरायल (Israel) को तेल की आपूर्ति होती थी तो बदले में ईरान को इजरायल की तरफ से खुफिया ट्रेनिंग और तकनीकी मदद दी जाती थी। इस दोस्ती की डोर तब तक रही, जब तक ईरान में शाह की सत्ता बनी रही। इस्लामिक क्रांति (Islamic Revolution) के बाद ईरान में रिजीम चेंज हुआ और फिर दो दोस्त दुश्मन बन गए। ईरान में ईरानी क्रांति के साथ ही शाह की सत्ता को आयतुल्ला खामनेई (Ayatollah Khamenei) ने खत्म कर दिया। खामनेई ने एक कट्टर इस्लामी शासन की स्थापना की, जिसने इजरायल को शैतान और इस्लाम का दुश्मन घोषित कर दिया।
ईरान ने इजरायल (Israel) के पासपोर्ट को स्वीकार करना बंद कर दिया। इजरायल के साथ सभी रिश्ते तोड़ दिए गए। इजरायल के दूतावास को बंद कर दिया गया और उसकी जगह फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (PLO) को दफ्तर दिया गया। इस तरह दोस्ती से यह रिश्ता दुश्मनी में बदल गया, जिसके बाद इजरायल ने ईरान को मध्य पूर्व में सबसे बड़ा खतरा मानना शुरू किया।
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