कर्नाटक। कर्नाटक (Karnataka) में स्कूलों में हिजाब (hijab) पहनने को लेकर एक बार फिर राजनीति शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने शुक्रवार को स्कूलों में हिजाब (hijab) पहनने पर लगे प्रतिबंध को हटाने का एलान किया। इस कदम की जहां एक तरफ भाजपा (BJP) ने आलोचना की, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने सही कदम बताया।
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भाजपा (BJP) का इस मामले में कहना है कि यह शिक्षण संस्थानों की ‘धर्मनिरपेक्ष प्रकृति’ के प्रति चिंता पैदा करता है। दरअसल कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को कहा था कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब (hijab) पहनने पर लगाया गया प्रतिबंध 23 दिसंबर से हटा दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कपड़े पहनने और खाना खाना निजी मामला है। इस पर भाजपा (BJP) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सरकार युवाओं को धार्मिक आधार पर बांट रही है।
कर्नाटक में स्कूलों में हिजाब (hijab) पहनने पर लगे प्रतिबंध हटाए जाने पर राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। राज्य की शिक्षा नीति में संस्कृति, अध्ययन और अन्य चीजें शामिल हैं।
वहीं, कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे (Priyank Kharge) ने कहा कि राज्य सरकार जो कुछ भी कर रही है वह कानून और संविधान के ढांचे के अनुसार है। उन्होंने कहा कि भाजपा (BJP) के पास करने के लिए कोई काम नहीं है, उन्हें पहले अपने घर को संभालना चाहिए। इसके अलावा, आरएलडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने कहा, ‘संवैधानिक दृष्टिकोण से यह सही फैसला है। लोगों को आजादी दी गई है। अगर भोजन और पहनावे पर इस तरह के प्रतिबंध हैं, तो इससे आपातकाल जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी।’
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