मध्य प्रदेश। भारत में भगवान राम के जितने मंदिर हैं, लगभग उतने ही उनके परम भक्त हनुमान जी (Hanuman ji) के भी मंदिर हैं। लेकिन इन सब में एक मंदिर ऐसा भी है जो अपनी अद्वितीय प्रतिमा के कारण विशिष्ट स्थान रखता है। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सांवेर में स्थित ‘उल्टे हनुमानजी’ का मंदिर अपने अनोखे स्वरूप और पौराणिक महत्त्व के चलते आज देश भर के श्रद्धालुओं (devotees) का आस्था केंद्र बन गया है।
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देश भर में हनुमान जी (Hanuman ji) के हजारों मंदिरों में कहीं भी उनकी प्रतिमा सिर के बल नहीं दिखाई देती, परंतु सांवेर का यह मंदिर एक अपवाद है। यहां विराजमान हनुमान जी (Hanuman ji) की प्रतिमा उलटी अवस्था में यानि कि सिर के बल स्थापित है– जो भक्तों के लिए विस्मय और श्रद्धा दोनों का विषय है। मंदिर को कुछ वर्ष पूर्व भव्य स्वरूप दिया गया, किन्तु प्रतिमा की प्राचीनता आज भी रहस्य बनी हुई है। यह अद्भुत दृश्य भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है और हर कोई इसे एक बार निहारने अवश्य आता है।
यह मंदिर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर-उज्जैन फोरलेन के बीच स्थित सांवेर नगर में स्थित है। यह स्थान इंदौर से मात्र 30 किलोमीटर और उज्जैन (Ujjain) से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। करीब दो दशक पहले तक इस मंदिर के अस्तित्व से अधिकांश लोग अनजान थे। मंदिर नगर से बाहर एकांत में स्थित होने के कारण वहां केवल पुजारी ही दर्शन करता था।

मंदिर की स्थापना से जुड़ी एक पौराणिक कथा है। त्रेतायुग में जब भगवान राम और रावण के बीच युद्ध चल रहा था तब अहिरावण नामक राक्षस ने अपनी मायावी शक्ति से श्रीराम और लक्ष्मण को मूर्छित कर पाताललोक में ले गया था। जब यह समाचार हनुमानजी (Hanuman ji) को मिला तो उन्होंने पाताल लोक की यात्रा की और अहिरावण का वध कर श्रीराम-लक्ष्मण को सुरक्षित लौटा लाए। ऐसा माना जाता है कि सांवेर वही पवित्र स्थल है, जहाँ से हनुमानजी ने पाताल में प्रवेश किया था और उसी स्मृति में यहाँ उलटी मुद्रा में उनकी प्रतिमा स्थापित की गई।
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