देहरादून। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस (Congress) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) लगातार कांग्रेस नेताओं पर शिकंजा कस रही है। अब उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) की भी मुश्किलें बढ़ गई है।
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ईडी (ED) ने हरक सिंह (Harak Singh) के साथ-साथ इस बार उनकी बहू अनुकृति गुसाईं को भी समन भेजा है। 29 फरवरी को ईडी (ED) मुख्यालय में पेश होने को कहा गया है। बता दें कि ईडी ने हरक सिंह को यह समन कथित वन भूमि घोटाले के मामले में भेजा है। ईडी (ED) के अधिकारी उनकी बहू और 2022 में लैंसडाउन सीट से चुनाव लड़ने वाली अनुकृति गुसाईं रावत से भी पूछताछ करेंगे। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हरक सिंह (Harak Singh) पर ईडी (ED) का शिकंजा उनके राजनीतिक करियर के लिए नई मुश्किलें लेकर आया है।
इससे पहले 7 फरवरी को ईडी (ED) ने हरक सिंह रावत के घर समेत उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। हालांकि छापेमारी में उनके घर से फाइलों के अलावा और कुछ नहीं मिला। जिसके संबंध में पूछताछ कर सकती है। इससे पहले ईडी (ED) ने पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh), उनके रिश्तेदारों और वन अधिकारियों के खिलाफ उत्तराखंड (Uttarakhand) समेत दिल्ली और हरियाणा में 17 जगहों पर छापेमारी कर 1.10 करोड़ रुपये की नकदी, करीब 80 लाख रुपये का 1.30 किलो सोना और 10 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा जब्त की थी।

गौरतलब है कि ईडी (ED) ने जमीन खरीद-फरोख्त के मामले में बीरेंद्र सिंह कंडारी और अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर को अपनी जांच का आधार बनाया है। जमीन की धोखाधड़ी में पूर्व वन मंत्री (forest minister) की संलिप्तता का जिक्र किया गया है जबकि दूसरा मामला कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो रेंज में पेड़ों की अवैध कटाई और अवैध निर्माण से जुड़ा है। इस मामले में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत भी घोटाले में शामिल बताए गए हैं। ईडी (ED) की जांच में पता चला था कि पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh) ने नरेंद्र वालिया के साथ मिलकर साजिश रची और दो पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार कीं; जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया।
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