डेस्क। भारत में कई ऐसी नदियां हैं जिनकी रेत में सोने (Gold) के छोटे-छोटे कण मौजूद हैं। आज हम जानेंगे उन नदियों के बारे में और साथ ही यह भी कि इनसे सोना कैसे निकाला जा सकता है। आइए जानते हैं उन नदियों के नाम क्या हैं?
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झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा से होकर बहने वाली स्वर्णरेखा नदी “सोने की रेखा’ के नाम से मशहूर है। यहां का स्थानीय समुदाय इसकी रेत को छानकर बारीक सोने के कण निकालता रहा है। यही वजह है कि यह भारत की सबसे मशहूर सोना युक्त नदियों में से एक बन गई है।

इब नदी जो उड़ीसा के सुंदरगढ़ जिले में है, नदी के सोने का एक और स्रोत है। यहां पर छोटे पैमाने पर खनन करके कई परिवार अपनी आजीविका चला रहे हैं। उनकी आय इसकी रेत से सोने के कण इकट्ठा करने पर निर्भर है। महानदी के तलछट में भी सोने के अंश मौजूद हैं। हालांकि यहां पर मात्रा सीमित है लेकिन यहां पर भी प्लेसर खनन किया जा सकता है।

मुख्य नदियों की सहायक नदियां जैसे कटकारी में भी सोने के कण पाए जाते हैं। स्थानीय लोग इन छोटी धाराओं की खोज ज्यादा करते हैं क्योंकि यह कभी-कभी बड़ी नदियों की तुलना में सोने को ज्यादा अच्छे तरीके से संकेंद्रित कर सकती हैं। नदियों से सोना निकालने में रेत, बजरी और गाद को इकट्ठा करना और फिर उस मिश्रण को छानकर भारी सोने के कणों को अलग करना होता है। शुद्ध सोने के लिए कंबल या फिर कड़ाही का इस्तेमाल किया जाता है। इकट्ठा करने के बाद अशुद्धियों को दूर करने के लिए रासायनिक प्रक्रियाओं का इस्तेमाल करके सोने को रिफाइन किया जाता है।
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