नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पीएम विद्यालक्ष्मी योजना (PM Vidyalakshmi Yojana) को मंजूरी दे दी है। इस योजना का मकसद है कि मेधावी छात्रों (students) की पढ़ाई में अड़चन न आए। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने बताया कि पीएम विद्यालक्ष्मी योजना का लाभ एजुकेशन लोन (education loan) में मिलेगा। उन्होंने बताया कि जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई के लिए बैंकों से 10 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण सस्ती दरों पर लिया जा सकेगा।
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वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने बताया कि मेधावी बच्चे (students) बैंकों से लोन उच्च शिक्षण संस्थानों से पढ़ाई के लिए लोन ले सकेंगे। इस योजना (PM Vidyalakshmi Yojana) के प्रभाव से अब पैसे की कमी के कारण बच्चों की उच्च शिक्षा में कोई अड़चन नहीं आएगी। शिक्षा ऋण गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थान (QHEI) में प्रवेश लेने वाले छात्रों के पाठ्यक्रम से संबंधित ट्यूशन फीस और अन्य खर्चों की पूरी राशि को कवर करेगा। वैष्णव ने बताया कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से समर्थन-मुक्त (Collateral Free), गारंटर-मुक्त (Guarantor) ऋण लिया जा सकेगा।
वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने बताया कि ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये है। इन परिवारों के छात्रों (students) की पढ़ाई के लिए पीएम विद्यालक्ष्मी योजना (PM Vidyalakshmi Yojana) के तहत 10 लाख रुपये तक के ऋण पर 3% ब्याज अनुदान मिलेगा। 7.5 लाख रुपये तक के ऋण पर भारत सरकार 75% क्रेडिट गारंटी देगी। उन्होंने कहा कि मिशन मोड तंत्र शिक्षा के विस्तार को सुगम बनाएगा।
मेधावी बच्चों (students) की पढ़ाई के अलावा कैबिनेट ने कई और अहम फैसले लिए हैं। वैष्णव ने बताया कि खाद्यान्न की खरीद में एफसीआई की बहुत बड़ी भूमिका होती है। आज भारतीय खाद्य निगम (FCI) को मजबूत करने का निर्णय भी लिया गया। कैबिनेट ने एफसीआई को 10,700 करोड़ रुपये की नई इक्विटी पूंजी देने का निर्णय लिया है।
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