हरिद्वार। गंगा (Ganga) का जलस्तर अचानक बढ़ने से 12 कांवड़ यात्री (Kanwar pilgrims) नदी में फंस गए। पहाड़ों में बरिश के चलते पिछले दो दिन से गंगा में बहुत कम जल छोड़ा जा रहा था। कांवड़ यात्री (Kanwar pilgrims) बड़ी धारा के बीच में घुसकर उछल कूद मचा रहे थे। जल बढ़ने से पहले गंगा (Ganga) में उतरे हुए कांवड़ यात्री हरकी पैड़ी के सामने गंगा में जल से घिर गए।
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इसी बीच शुक्रवार की सुबह बैराज से अचानक पानी छोड़ा गया और बड़ी धारा (Ganga) में करीब 12 यात्री फंस गए। एसडीआएफ (SDRF) और बीईजी सेंटर रुड़की आर्मी के जवानों ने तत्काल कांवड़ियों (Kanwar pilgrims) का रेस्क्यू करना शुरू किए। सभी कांवड़िएं (Kanwar pilgrims) सुरक्षित हैं।बृहस्पतिवार को कांवड़ मेले का आखिरी दिन था और आज शुक्रवार को शिवालयों में जलाभिषेक किया जाएगा। आखिरी दिन पूरी रात डाक कांवड़ यात्री (Kanwar pilgrims) हरिद्वार से जल भर बाइकों और बड़े वाहनों से दौड़ते रहे।
दरअसल गंगा (Ganga) में सिल्ट बढ़ने से गुरुवार को सिंचाई विभाग ने गंगनहर में जल प्रवाह न्यूनतम कर दिया था, जिसे शुक्रवार सुबह महाशिवरात्रि के दिन फिर बहाल कर दिया गया। जल बढ़ता देख जान बचाने के लिए कांवड़ यात्री (Kanwar pilgrims) गंगा (Ganga) में बने एक पुल के पाए पर चढ़ गये और बचाने की अपील की। जिसके बाद पुलिस व एसडीआरएफ(SDRF) ने शौकिया गोताखोरों के साथ मिलकर अभियान चलाया और सभी कांवड़ियों को गंगा से सुरक्षित बाहर निकाला गया।
इस बार मेले में चार करोड़ चार लाख 40 हजार कांवड़ यात्री (Kanwar pilgrims) पहुंचे हैं। प्रशासन (administration) ने बृहस्पतिवार की शाम छह बजे तक का ये आंकड़ा जारी किया है। पिछले साल चार करोड़ सात लाख कांवड़ यात्री (Kanwar pilgrims) हरिद्वार पहुंचे थे। 22 जुलाई से कांवड़ मेले का आगाज हुआ था। आज शुक्रवार को जलाभिषेक होगा।
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