बेंगलुरु। एस. एम. कृष्णा (SM Krishna) का मंगलवार सुबह बेंगलुरु (Bengaluru) में उनके निवास पर निधन हो गया। 92 वर्षीय नेता लंबे समय से अस्वस्थ थे। उनका जन्म एक मई 1932 को कर्नाटक (Karnataka) के मांड्या जिले के सोमना हल्ली में हुआ था। उन्होंने 1962 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और कर्नाटक को सूचना प्रौद्योगिकी (information technology) का केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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कर्नाटक (Karnataka) के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा (SM Krishna) के निधन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कृष्णा न केवल कर्नाटक बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रमुख नेता थे। उनके सुधार और उपलब्धियों ने उन्हें व्यापक सराहना दिलाई। ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने मंगलवार को ट्वीट कर उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं।
उनके निधन से राजनीति और प्रशासन के एक युग का अंत हो गया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार सहित अन्य नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। कर्नाटक (Karnataka) के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा (SM Krishna) के निधन पर कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा, “यह एक अपूरणीय क्षति है। वह सिर्फ कर्नाटक के सीएम ही नहीं थे, बल्कि हमारे कर्नाटक के सीईओ भी थे। उनकी सोच प्रगतिशील थी। उन्होंने कर्नाटक और भारत के लोगों पर बहुत गहरा प्रभाव छोड़ा है।”
कर्नाटक (Karnataka) सरकार ने आदेश जारी किया और बताया कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा (SM Krishna) के निधन पर 3 दिन का शोक मनाया जाएगा। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। सरकार (government) ने फैसला किया है कि इन तीन दिनों में कोई समारोह या जश्न नहीं मनाया जाएगा।
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