रांची। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपने अधिकारियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) के तहत पूर्व सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर को चुनौती देते हुए झारखंड उच्च न्यायालय का रुख किया है। बता दें कि याचिका 3 फरवरी को दायर की गई थी।
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हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने रांची के एससी-एसटी थाने में ईडी (ED) के अधिकारी कपिल राज, देवब्रत झा, अनुपम कुमार, अमन पटेल व अन्य अज्ञात के विरुद्ध 31 जनवरी को एससी-एसटी अधिनियम (SC/ST Act) के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। ये सभी अधिकारी ईडी (ED) के जोनल कार्यालय रांची से संबंधित हैं। उन्होंने लिखा था कि ईडी (ED) के अधिकारियों ने उन्हें 29 से 31 जनवरी तक रांची में रहने के लिए कहा था और इसी बीच उनके दिल्ली स्थित आवास पर उनकी अनुपस्थिति में बिना पूर्व सूचना के छापेमारी कर दी। वे अनुसूचित जनजाति से आते हैं, लेकिन ईडी के उक्त अधिकारियों में एक भी अधिकारी एससी-एसटी अधिनियम (SC/ST Act) से संबंधित नहीं था।
गौरतलब है कि हाल ही में ईडी (ED) की टीमों ने हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी की थी। इसी के बाद सोरेन (Hemant Soren) ने रांची पुलिस से ईडी अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की और एफआईआर दर्ज कराई गई। बता दें कि सोरेन के दिल्ली आवास में छापेमारी के बाद ईडी (ED) ने भारी मात्रा में बंगले से नकदी बरामद की थी। ईडी के अधिकारियों ने बताया था कि हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के बंगले से 36 लाख रुपये नकद बरामद किए गए, साथ ही दो लग्जरी कार भी जब्त की गईं।
पूर्व सीएम (Hemant Soren) ने यह भी लिखा कि जब वे रांची आए तो उन्होंने विभिन्न मीडिया के माध्यम से 30 जनवरी को ईडी (ED) की दिल्ली स्थित झारखंड भवन, मुख्यमंत्री आवास में छापेमारी से संबंधित समाचारों को देखा। इससे उन्हें व उनके समुदाय को बदनाम करने की कोशिश हुई है।
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