लाइफस्टाइल डेस्क। स्टाइलिश और कूल दिखने के लिए ज्यादातर लोग अपने शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर टैटू बनवाते हैं। कई लोगों को टैटू (tattoo) बनवाने का इतना शौक होता है कि वो इससे जुड़े साइड इफेक्ट्स (side effects) पर ध्यान देना जरूरी नहीं समझते। दरअसल, शरीर में कुछ ऐसे हिस्से भी हैं, जहां टैटू बनवाना स्वास्थ्य (health) के लिए हानिकारक हो सकता है।
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पसलियों के आसपास की त्वचा बहुत पतली होती है और हड्डियों के ठीक ऊपर स्थित होती है। इस क्षेत्र में टैटू (tattoo) बनवाना अत्यधिक दर्दनाक हो सकता है क्योंकि सुई सीधे हड्डी के करीब काम करती है। इसके अलावा, सांस लेने की प्रक्रिया के दौरान होने वाली लगातार गति के कारण टैटू की हीलिंग प्रक्रिया भी धीमी और अधिक असहज हो सकती है।
चेहरे और गर्दन जैसे संवेदनशील क्षेत्रों पर टैटू बनवाना कई जोखिमों से भरा हो सकता है। चेहरे की त्वचा बहुत पतली होती है और इसमें कई नसें और रक्त वाहिकाएं होती हैं। यहाँ टैटू बनवाने से अत्यधिक रक्तस्राव और दर्द हो सकता है। इसके अलावा चेहरे पर टैटू (tattoo) बनवाने के सामाजिक और करियर संबंधी निहितार्थ भी हो सकते हैं। गर्दन के क्षेत्र में थायरॉइड ग्रंथि और अन्य महत्वपूर्ण संरचनाएं मौजूद होती हैं और इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार की जटिलता गंभीर हो सकती है।

हाथों और पैरों के ऊपरी हिस्सों की त्वचा हड्डियों के करीब होती है और इसमें वसा की मात्रा कम होती है। इसके कारण यहाँ टैटू (tattoo) बनवाना काफी दर्दनाक अनुभव हो सकता है। कोहनी, घुटने और टखनों जैसे जोड़ों पर टैटू बनवाना एक बुरा विचार हो सकता है। इन क्षेत्रों की त्वचा खिंचाव और गति के अधीन होती है। जननांगों और उनके आसपास के क्षेत्रों पर टैटू बनवाना अत्यधिक जोखिम भरा हो सकता है। यह क्षेत्र बहुत संवेदनशील होता है और यहाँ संक्रमण का खतरा बहुत अधिक होता है।
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