26.1 C
Lucknow
Monday, August 25, 2025

पृथ्वी पर सुरक्षित पहुंचेंगे अंतरिक्ष से लौटने वाले क्रू, क्या होता है इंटिग्रेटेड एयरड्रॉप टेस्ट

डेस्क। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि ISRO ने हाल ही में गगनयान मिशन के लिए पहले इंटिग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT-01) को सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह परीक्षण श्रीहरिकोटा में आयोजित किया गया और इसे गगनयान मिशन की तैयारियों में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। चलिए जानते हैं कि क्या होता है इंटिग्रेटेड एयरड्रॉप टेस्ट (IADT)?

यह भी पढ़ें-किसने रखी थी ISRO की नींव और क्या था इसका पुराना नाम?

इंटिग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT) गगनयान मिशन के क्रू मॉड्यूल के पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली का परीक्षण है। इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष से लौटने वाले क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर उतारना है। इस परीक्षण में क्रू मॉड्यूल के डमी मॉडल को चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से एक निश्चित ऊंचाई पर ले जाया जाता है और फिर उसे हवा में छोड़ दिया जाता है।

इस दौरान पैराशूट सिस्टम का प्रदर्शन जांचा जाता है, जो मॉड्यूल को धीमा करके सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करता है। यह टेस्ट इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि गगनयान मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा और मिशन के अंत में उनकी वापसी अत्यंत आवश्यक है। पैराशूट सिस्टम क्रू मॉड्यूल (IADT) की गति को नियंत्रित करता है ताकि यह समुद्र या जमीन पर धीरे और सुरक्षित उतर सके। IADT-01 में इसरो ने पूरे पैराशूट सिस्टम के एकीकृत प्रदर्शन को परखा, जिसमें कई पैराशूटों का एक साथ काम करना शामिल है।

गगनयान भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है, जिसका लक्ष्य 2027 की पहली तिमाही में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित वापस लाना है। इस मिशन की सफलता के लिए क्रू मॉड्यूल की सुरक्षा प्रणालियों का सटीक और विश्वसनीय होना जरूरी है। इंटिग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट इस दिशा में एक बड़ा कदम है।

Tag: #nextindiatimes #ISRO #IADT #IntegratedAirdropTest

RELATED ARTICLE

close button