नई दिल्ली। देश में कोरोना (Corona) के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। बीते एक हफ्ते में देश में कोरोना के 752 नए मामले सामने आए हैं। नए मामलों की बात करें तो बीते एक हफ्ते में (19 मई के बाद) सबसे ज्यादा 335 मामले केरल (Kerala), 153 महाराष्ट्र, 99 दिल्ली, 76 गुजरात और 34 कर्नाटक में आए हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry) के मुताबिक 26 मई को सुबह 8:00 बजे देश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 1009 है।
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महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे और ठाणे जैसे बड़े शहरों में (Corona) संक्रमण के मामले सबसे अधिक दर्ज किए जा रहे हैं। वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के दो नए वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 की पहचान की है। इन नए वेरिएंट्स के कारण संक्रमण की दर में फिर से तेजी आने की संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन वेरिएंट्स की जांच और निगरानी के साथ-साथ सावधानी बरतना आवश्यक है।

अब इस बीच सवाल उठता है कि लॉकडाउन कब लगाया जाता है? लॉकडाउन (Lockdown) लगाने का फैसला सरकार की तरफ से तभी लिया जाता है, जब कोरोना से होने वाली मृत्यु दर काफी ज्यादा हो जाए। यानी कोरोना (Corona) फैलने से लोगों की मौत का बहुत ज्यादा खतरा हो, ऐसे में तमाम मार्केट और बाकी चीजें बंद कर दी जाती हैं। लॉकडाउन आखिरी विकल्प होता है, इससे पहले सरकारों की तरफ से कुछ हल्की पाबंदियां लगाई जाती हैं और लोगों को सावधान रहने के लिए कहा जाता है।
फिलहाल कोरोना (Corona) संक्रमण में फिर से बढ़ोतरी के बीच सरकार ने अस्पतालों को ICU बेड, ऑक्सीजन आपूर्ति और आवश्यक उपकरणों के साथ पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं। संक्रमण की स्थिति पर नजर रखते हुए स्वास्थ्य विभाग (health department) सतर्क हो गया है।
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