नई दिल्ली। देश भर में ‘पेपर लीक’ (paper leak) मामले को लेकर विवाद जारी है। इस बीच केंद्र सरकार की ओर से लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 अधिसूचित किया गया है। इस फैसले के बाद कांग्रेस (Congress) की प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस (Congress) ने इसे ‘डैमेज कंट्रोल’ की कोशिश बताया है।
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(Congress) पार्टी ने आरोप लगाया कि नीट-स्नातक, यूजीसी-नेट (UGC-NET) परीक्षाओं को लेकर विवाद के बीच यह फैसला लिया गया है। यह केवल ‘डैमेज कंट्रोल’ करने का प्रयास मात्र है। इस मामले पर (Congress) पार्टी महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि इस कानून की जरूरत थी। यह कानून पेपर लीक (paper leak) के बाद की स्थिति से निपटता है जबकि यह सुनिश्चित करने के लिए कानून और प्रक्रियाओं की ज्यादा जरूरत है कि परीक्षा के पहले पेपर लीक (paper leak) ही न हो। उक्त बातें कांग्रेस (Congress) नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कही है।

उन्होंने कहा कि 13 फरवरी 2024 को राष्ट्रपति ने लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम), विधेयक, 2024 को अपनी स्वीकृति दी थी। 22 जून की सुबह बताया गया कि यह अधिनियम 21 जून, 2024 से लागू हो चुका है। (Congress) जयराम रमेश ने आगे कहा कि स्पष्ट रूप से यह नीट, यूजीसी-नेट (UGC-NET) , सीएसआईआर-यूजीसी-नेट और अन्य घोटालों से पैदा हुई स्थिति को संभालने के प्रयास के तहत किया गया है।
केंद्र सरकार (Central Government) के द्वारा जो अधिनियम लाया गया है उसके तहत अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नीट, यूजीसी-नेट (UGC-NET) परीक्षाओं को लेकर विवाद के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार देर रात लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 अधिसूचित किया। इसका उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं पर अंकुश लगाना है।
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