नई दिल्ली। राष्ट्रपति (President) द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (Waqf Amendment Bill) बिल को मंजूरी दे दी है। जिसके बाद अब नए कानून (law) को लागू करने की तारीख को लेकर केंद्र सरकार अलग से एक नोटिफिकेशन जारी करेगी। यह बिल (अब कानून) 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था। हालांकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 11 अप्रैल से पूरे देश में विरोध प्रदर्शन(protest) करने की घोषणा की है।
यह भी पढ़ें-UP में कहां है सबसे ज्यादा वक्फ की संपत्ति, अब क्या होगा इन जमीनों का?
बता दें कि कांग्रेस (Congress), एआईएमआईएम और आप ने इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या राष्ट्रपति (President) की मंजूरी के बाद भी इस नए कानून को रद्द किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि इसको लेकर क्या नियम है?
राष्ट्रपति (President) की मुहर के बाद भी कोई कानून रद्द किया जा सकता है लेकिन इसके लिए एक विशेष प्रक्रिया का पालन करना होता है। भारतीय संविधान में यह प्रावधान है कि राष्ट्रपति (President) द्वारा हस्ताक्षर किए गए कानून को संसद में फिर से चुनौती दी जा सकती है और इसे रद्द किया जा सकता है। अगर कोई कानून राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत हो जाता है, तो वह कानून (law) संसद में लागू होता है।

हालांकि यदि किसी कानून (law) पर अदालत में चुनौती दी जाती है या फिर संसद में कोई सदस्य उसके खिलाफ प्रस्ताव लाता है, तो उसकी पुनः समीक्षा की जा सकती है।वक्फ कानून के संदर्भ में यदि इस कानून को लेकर कोई विवाद या आपत्ति उठाई जाती है तो उसे न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। यदि अदालत इस कानून को संविधान के खिलाफ पाती है तो उसे रद्द कर सकती है। इसके अलावा, यदि संसद में इसे फिर से संशोधित या रद्द करने के लिए प्रस्ताव लाया जाता है तो वह प्रक्रिया के तहत इसे बदल या रद्द किया जा सकता है।
Tag: #nextindiatimes #President #WaqfAmendmentBill