नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति मामले में कई महीने तक जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के इस्तीफे (resignation) के ऐलान ने हर किसी को चौंका दिया है। केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान को लेकर BJP ने निशाना साधा है। भाजपा ने इस पीआर स्टंट बताया है। BJP का कहना है कि केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को कोर्ट की शर्तों ने इस्तीफे के लिए मजबूर किया है।
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BJP प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि जेल से बाहर आकर ही केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने इस्तीफे की बात क्यों की? उनके इस्तीफे (resignation) का ऐलान जुर्म का इकबालिया बयान है। ये पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो दो मंत्रियों के साथ अपनी ही जेल में रहे हैं। इसके बाद भी उन्होंने पद नहीं छोड़ा। उन्होंने नैतिकता का ध्यान नहीं रखा। इसके साथ ही बीजेपी ने पूछा आखिर केजरीवाल को इस्तीफे (resignation) के लिए 48 घंटे का समय क्यों चाहिए? आखिर इसके पीछे का क्या राज है?
BJP प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, ‘भारत की राजनीति की नई नवेली पार्टी के स्वघोषित कट्टर ईमानदार जेल से बाहर आकर स्वागत करा रहे हैं। ये पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो दो मंत्रियों के साथ अपनी ही जेल में रहे हैं। इसके बाद भी उन्होंने पद नहीं छोड़ा। उन्होंने नैतिकता का ध्यान नहीं रखा। अपनी जेल से बाहर आकर आतिशबाजी हुई। उनकी ही सरकार ने आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाया है और उनके ही मुख्यमंत्री ने नियमों का उल्लघंन किया।’
वहीं BJP नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, ‘अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने ऐलान किया है कि वह दो दिन बाद इस्तीफा (resignation) दे देंगे और जनता का फैसला आने पर दोबारा सीएम बनेंगे। यह कोई बलिदान नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि वह सीएम की कुर्सी के करीब नहीं जा सकते और किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते। इसलिए, आपके पास कोई विकल्प नहीं है। आप सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण इस्तीफा देने के लिए मजबूर हैं।’
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