पटना। बिहार (Bihar) की स्वर कोकिला और छठ जैसे महापर्व (Chhath Puja) की पर्याय मानी जाने वालीं सिंगर शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) आज पंचतत्व में विलीन हो गईं। उनके बेटे अंशुमन ने आंखों से अधिक दिल में आंसुओं का सैलाब लिए उन्हें मुखाग्नि दी। उनके अंतिम संस्कार पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर (guard of honor) के सम्मान के साथ उन्हें विदाई दी गई।
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एक तरफ जहां बिहार (Bihar) के लोग छठ पूजा (Chhath Puja) की तैयारी में जुटे हैं, वहीं हर किसी के दिल में शारदा सिन्हा को खोने का एक दर्द है। भारी मन से इस बार छठ मनाया जा रहा है, जहां उनके गीत हर दिल को रुलाने की तैयारी में हैं। शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) का पार्थिव शरीर पटना के राजेंद्र नगर स्थित उनके घर से निकला, जहां घर के लोगों ने उनके पार्थिव शरीर को कंधा दिया है।

शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) को विदाई देने के लिए भारी संख्या में भीड़ वहां जमा हुई, जिसमें उनके अनगिनत फैन्स शामिल हैं। इस अंतिम विदाई के दौरान लोगों ने ‘शारदा सिन्हा अमर रहें’ और ‘छठी मइया जय’ के नारे भी लगाए। शारदा सिन्हा ने मंगलवार रात 9 बजकर 20 मिनट पर दिल्ली के एम्स (AIIMS) में आखिरी सांस ली। बता दें कि शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) बीमारी से लंबे समय से जूझ रही थीं। वो करीब 15 दिनों से हॉस्पिटल में भर्ती थीं। शारदा सिन्हा साल 2017 से ही ब्लड कैंसर (blood cancer) से जूझ रही थीं।
हालांकि, उनकी हालत हाल ही में तब अधिक खराब हो गई, जब उनके हसबैंड का निधन हुआ। उनके बेटे अंशुमन ने बताया था कि पिता के गुजरने के बाद से मां इस बीमारी की चपेट में पूरी तरह से उलझ गईं। बता दें मंगलवार की रात शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) की आवाज तब खामोश हो गई, जब छठ महापर्व का पहला दिन था।
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