नई दिल्ली। ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों (online gaming companies) और कैसीनो को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने कर (GST) चोरी के मामले में जारी एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के कारण बताओ नोटिस पर रोक लगा दी है। शुक्रवार को न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने मामले की सुनवाई की।
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शीर्ष अदालत एक ऑनलाइन गेमिंग फर्म (online gaming companies) को जारी 21,000 करोड़ रुपये के जीएसटी सूचना नोटिस को रद्द करने के कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले पर भी रोक लगा चुकी है। केंद्र सरकार ने 1 अक्टूबर 2023 में GST कानून में संशोधन किया था। इसके तहत विदेशी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए भारत में पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया था। अक्टूबर 2023 में ही जीएसटी विभाग ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
इन कंपनियों (online gaming companies) पर कर चोरी का आरोप लगा था। अगस्त 2023 में जीएसटी परिषद ने साफ किया कि ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म (online gaming companies) पर जितने रुपये का दांव लगाया जाएगा, उस पूरी रकम पर 28 फीसदी GST वसूला जाएगा। जीएसटी परिषद के इस फैसले के खिलाफ गेमिंग कंपनियों ने विभिन्न हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।
इसके बाद केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की। बाद में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नौ हाईकोर्ट से 28 फीसद जीएसटी को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को अपने पास ट्रांसफर कर लिया। शुक्रवार को इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई हुई। अदालत में GST विभाग का पक्ष अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने रखा। उन्होंने कहा कि कुछ कारण बताओ नोटिस फरवरी में समाप्त हो जाएंगे।
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