नई दिल्ली। गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) को आज बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हथियार लाइसेंस मामले में अब्बास (Abbas Ansari) को आज जमानत दे दी है। कोर्ट ने इससे पहले वाराणसी MP MLA कोर्ट ने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
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मुख्तार (Mukhtar Ansari) को फर्जी तरीके से हथियार का लाइसेंस (license) लेने के लिए ये सजा हुई थी। बता दें कि डीएम द्वारा दो शस्त्र लाइसेंस को निरस्त किए जाने के बाद मुख्तार (Mukhtar Ansari) ने हथियारों को जमा नहीं कराया था। इसके बाद 9 अप्रैल 2021 में मुहम्मदाबाद (Muhammadabad) थाने में उन पर शूटिंग प्रतियोगिताओं के बहाने विदेशी बंदूकें खरीदने के आरोप में केस दर्ज हुआ था।
सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जनवरी में जमानत याचिका पर नोटिस जारी कर यूपी सरकार से जवाब मांगा था। इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court) ने 2023 के नवंबर महीने में अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) द्वारा जारी नियमति जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था। अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) के वकील कपिल सिब्बल ने कहा, “साल 2015 में लाइसेंस के आयात के लिए यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी किया गया था और विभाग इसे जारी करता है। एफआईआर (FIR) में जिस घटना का जिक्र किया गया है, उस समय तो अब्बास पैदा ही नहीं हुआ था।”
अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) ने कोर्ट में बताया कि पुलिस द्वारा उन पर जो दूसरी एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है, उस समय उनकी उम्र 6 साल की थी। कोर्ट में यूपी सरकार ने अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब हथियारों को दिल्ली से लखनऊ (Lucknow) शिफ्ट किया गया तो अधिकारियों को और सरकारी अथॉरिटी को इसकी सूचना नहीं दी गई थी।
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