डेस्क। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को एक अहम अनुमति देते हुए दिवंगत राजनेता मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बेटे की अपील स्वीकार ली। मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की हाल ही में जेल में मृत्यु हो गई थी। उनकी याद में 10 अप्रैल को होने वाले ‘फातिहा’ समारोह में अब उनके बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) को भाग लेने लेने की अनुमति सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दी है।
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इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने निर्देश दिया है कि अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) को पर्याप्त सुरक्षा के साथ पुलिस हिरासत में कासगंज जेल से गाजीपुर ले जाया जाए और 13 अप्रैल तक कासगंज जेल वापस लाया जाए। बता दें मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की मौत के बाद उनके सुपुर्द-ए-खाक में शामिल होने की अनुमति अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) को नहीं मिली थी। जिसके बाद अब्बास ने अपने पिता की मृत्यु के बाद कब्र पर फातिहा पढ़ने की इजाजत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल की थी।
आज इस मामले पर पहले से सुनवाई भी तय है। जेल में बंद अंसारी की 28 मार्च को बांदा मेडिकल कॉलेज में हृदय गति रुकने से मौत हो गई थी। अंसारी (Mukhtar Ansari) के परिवार के सदस्यों ने उसकी मौत के कारणों पर संदेह जताते हुए दावा किया था कि उसे जेल के अंदर ‘धीमा जहर’ दिया गया था। हालांकि प्रशासन ने इस आरोप को गलत बताया है।
हालांकि मुख़्तार (Mukhtar Ansari) को मिट्टी देने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ जुटी थी। इस दौरान प्रशासन से मुख़्तार (Mukhtar Ansari) समर्थकों की तीखी नोक-झोंक भी हुई थी। उनके बेटे को निचली अदालत से पिता के अंतिम विधान में शामिल होने की अनुमति नहीं मिली तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। अब कोर्ट ने अहम फैसला देते हुए 10 से 13 अप्रैल के बीच अब्बास (Abbas Ansari) को बड़ी राहत दी है।
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